"सिद्धार्थ (अभिनेता)": अवतरणों में अंतर

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प्रारंभिक जीवन, जीवन-यात्रा
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सिद्धार्थ (जन्म १७ अप्रैल १९७९) मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में काम करने वाले [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]], से एक भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्माता और पार्श्वगायक है। वह कभि-कभि स्क्रीनप्ले लेखक के रूप में भि काम करते है। बिजनेस मेनेजमेन्ट स्टडीस पढ़ाई के बाद सिद्धार्थ फिल्म बनने में काम करने का निर्नेय लिय और २००३ में तमिल फिल्म ''बॉयज'' में अपने अभिनय की शुरुआत करने से पहले एक सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। ''बॉयज'' के सथ उनके दुसरे चित्र ''नूवस्थानन्टे नेन्वधन्टाना'' (२००५), [[''रंग दे बसंती'']] (२००६), ''बोम्मारिल्लू'' (२००६) सफलता पाई।
 
==प्रारंभिक जीवन==
सिद्धार्थ का जन्म १७ अप्रैल १९७९ को चेन्नई, भारत में हुआ था। उसने [[''डीएवी बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल'']], चेन्नई और [[''सरदार पटेल विद्यालय'']], [[दिल्ली]] में पढ़ाई की। उसने बैचलर आफ कॉमर्स (ऑनर्स) डिग्री के साथ किरोड़ीमल कॉलेज, नई दिल्ली से स्नातक किया। सिद्धार्थ कॉलेज के प्रतिष्ठित थिएटर ग्रुप, "प्लेयर्स" का हिस्सा था। वह कॉलेज की डिबेटिंग संस्था के अध्यक्ष थे और विश्व डिबेटिंग चैंपियनशिप में भी भाग लिया। उत्तम वक्ता होने के कारन उसे सन १९९९ में "सी एन बीसी""मेनेजर आफ दा ईयर" पुरस्कार मिला।
 
==जीवन-यात्रा==
सिद्धार्थ ने कहा था कि उसका ''अंतिम सपना'' निर्देशन है। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद सिद्धार्थ ''मणि रत्नम'' की ''कन्नातिल मुत्तममित्ताल'' के लिए सहायक निर्देशक की कार्य अर्जित किया। उस फिल्म के पटकथा लेखक ,''सुजाता'', सिद्धार्थ को ''एस शंकर'' की ''बॉयज'' फिल्म के लिए ऑडिशन कारने को आग्रह किया। ''मणि रत्नम'' से सलाह लेने के बाद उसने ''शंकर'' से मिला और ''मुन्ना'' का पात्र प्राप्त किया। फिल्म तमिल में सामान्य सफलता पाइ लेकिन तेलुगू में अनुवादित रूप में फिल्म सिद्धार्थ को तेलुगू फिल्म उद्योग में मौका मिला। सिद्धार्थ फिर एक और तमिल फिल्म, ''मणिरत्नम'' की ''आय्था इज़ुतु'' (२००४) में दिखाया गया था, जिसके बाद वह अपना पूरा ध्यान तेलुगु भाषा की परियोजनाओं पर देना लगा। उनका पहला प्रत्यक्ष तेलुगू परियोजना, ''नूवस्थानन्टे नेन्वधन्टाना'' (२००५) के शुरू में प्रदर्शन हुआ। कोरियोग्राफर बने अभिनेता प्रभु देवा के निर्देशन वाली पहली कॉमेडी ड्रामा फिल्म, एक वाणिज्यिक ब्लॉकबस्टर होने के साथ ही महत्वपूर्ण सफलता भि पाइ। सिद्धार्थ इस फिल्म में एक चंचल एनआरआई का पात्र निभया जो अपने प्यार के लिए संघर्ष करता है। इस भूमिका के लिये सिद्धार्थ को उस्का पेहला ''फ़िल्मफ़ेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड'' (तेलुगु) जीता। ''शिव कुमार'' द्वारा निर्देशित अपनी अगली तेलुगू फिल्म ''चुक्कलो चंद्रुडु'' (२००६) के माध्यम से सिद्धार्थ पटकथा और प्लेबैक गायन में अपनी प्रवेश किया। इस्के बाद समीक्षकों द्वारा प्रशंसित ब्लॉकबस्टर ''रंग दे बसंती'' से बॉलीवुड में अभिनेता ''आमिर खान'' के साथ प्रवेश किया। सिद्धार्थ इस फिल्म में ''करण सिंघानिया'' के उनकी भूमिका के लिए ''स्टार स्क्रीन डेब्यू अवार्ड '' प्राप्त किया। सिद्धार्थ के २००६ के अंतिम रिलीज तो नवागंतुक ''भास्कर'' द्वारा निर्देशित ''बोम्मारिल्लू'' था। यह फिल्म, पिता पुत्र के रिश्ते पर आधारित, समीक्षको की प्रशंसा और बॉक्स ऑफिस पर सफलता भि प्राप्त की। उन्होंने निर्देशक ''विशाल भारद्वाज'' और ''ऑस्कर'' विजेइत छायाकार ''गिलर्मो नवारो'' के साथ ''ब्लड ब्रदर्स'' नामक एक लघु फिल्म पर काम किया, जो मीरा नायर की ''एड्स'' जागो परियोजना के हिस्से के रूप में २००७ ''टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह'' में पेश किया गया था।
२००७ में औसत से ऊपर कमाई करने वाली फिल्म ''आटा'' के बाद २० महिनो के लेये विश्राम लिया।