"प्रतिवादि भयंकर श्रीनिवास": अवतरणों में अंतर

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"मिस्टर संपात" एक उपन्यास पर निरभर था जिसका लेखक आर. के. नारायण जी थे। वह उपन्यास का नाम भी "मिस्टर संपात" था। फिर, जीवा, जो "मिस्टर संपात" सिनेमा का नाद अंकित करने वाले थे, उनके मदद से श्रीनीवास दक्षिणी सीनेमा उद्योग मे प्रवेश किया। आर. नागेन्द्र रॉव, एक प्रसिध्द अभिनेता और निर्देशक थे जिन्होने एक ट्राईलिंग्वल सिनेमा दक्षिणी भारत के सारे भाषाओं मे बनाया गाया पर मलयालम मे नही बनाया गया। इस सिनेमा का नाम, तमिल मे "जातकम", तेलुगु मे "जातकफालम" और कन्नडा मे "जातकफला" रका गया था। इन सब भाषाओं में, श्रीनीवास ने दो-दो गाने गाएँ। कन्नडा मे, "भक्त कनकदासा" चलचित्र के द्वारा श्रीनीवास को सबसे ज़्यादा कामयाबी मिली जिसका नायक डॉ. राजकुमार थे। वह गाना "बागिलनु तेरेदु" इस चलचित्र का सबसे मशहूर गाना था। फिर उन्होंने डॉ. विश्नुवर्धना, श्रीनाथ, कल्याण कुमार, उदय कुमार औरों के लिए अन्य गीत गाएँ।
 
 
=='''डॉ. राजकुमार के आवाज़'''==
श्रीनिवास ने दक्षीणी भारत के काफि सारे कलाकारों के लिए गाँ चुके है। परंतु, उनका और डॉ. राजकुमार का सम्मिश्रण था जो लोगों के दिलों मे बस गया। वे डॉ. राजकुमार के लिए लग-भग ३०० अदभुत गाने गाँ चुके है।
 
 
=='''पुरस्कार'''==
* कर्नाटका के सबसे उच्च पुरस्कार, मुख्यमंत्री के द्वारा मिला प्रतिष्ठाप्राप्त कन्नडा राज्योत्सवा पुरस्कार को पुरस्क्रित किया गया था।
* तमिल नाडु के सम्मानार्त कलैममणी पुरस्कार मिला था।
* डॉ. राजकुमार के घरवालों से डॉ. राज्कुमार सौहार्दा पुरस्कार मिला था।
* कर्नाटका नागोजा पुरस्कार भी मिला था।