"समर्थ रामदास": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 60:
 
==ग्रन्थरचना==
समर्थ रामदास जी ने दासबोध,आत्माराम, मनोबोध आदि ग्रंथोंकिं रचना है । इसके साथ उनके द्वारा रची गयी ९० से अधिक आरतियाँ महारष्ट्र के घर घर में गायी जातीं हैं । आपने सैंकड़ो 'अभंग' भी लिखें हैं ।समर्थजी स्वयं अद्वैत वेदांति एवं भक्तिमार्गी संत थे किन्तु उन्होंने तत्कालीन समाज कि अवस्था देखकर ग्रंथोंमें राजनीती, प्रपंच,व्यवस्थापन शास्त्र, इत्यादि अनेको विषयोंका मार्गदर्शन किया है।है।समर्थ जी का प्रमुख ग्रन्थ 'दासबोध ' गुरुशिष्य संवाद रूप में है । यह ग्रंथराज उन्होनें अपने परमशिष्य योगिराज कल्याण स्वामी के हाथोंसे महाराष्ट्र के 'शिवथर घल (गुफा)' नामक रम्य एवं दुर्गम गुफा में लिखवाया ।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==