"भुवनेश्वर": अवतरणों में अंतर

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=== राजा-रानी मंदिर ===
[[File:Rajarani_Temple_2.jpg|thumb|राजा-रानी मंदिर]]
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इस मंदिर की स्‍थापना 11वीं शताब्‍दी में हुई थी। इस मंदिर में शिव और पार्वती की भव्‍य मूर्ति है। इस मंदिर के नाम से ऐसा लगता है मानो इसका नाम किसी राजा-रानी के नाम पर रखा गया हो। लेकिन स्‍थानीय लोगों का कहना कि चूंक‍ि यह मंदिर एक खास प्रकार के पत्‍थर से बना है जिसे राजारानी पत्‍थर कहा जाता है इसी कारण इस मंदिर का नाम राजा-रानी मंदिर पड़ा। इस मंदिर के दीवारों पर सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं। ये कलाकृतियां खजुराहो मंदिर की कलाकृतियों की याद दिलाती हैं।
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राजा-रानी मंदिर से थोड़ा आगे जाने पर 'ब्राह्मेश्‍वर' मंदिर स्थित है। इस मंदिर की स्‍थापना 1060 ई. में हुई थी। इस मंदिर के चारों कानों पर चार छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं। इस मंदिर की दीवारों पर अदभूत नक्‍काशी की गई है। इनमें से कुछ कलाकृतियों में स्‍त्री- पुरुष को कामकला की विभिन्‍न अवस्‍थाओं में दर्शाया गया है।
[[File:Rajarani_Temple_2.jpg|thumb|राजा-रानी मंदिर]]
 
=== मुक्‍तेश्‍वर मंदिर समूह ===