"महावीर (गणितज्ञ)": अवतरणों में अंतर

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'''महावीर''' (या महावीराचार्य) नौवीं शती के [[भारत]] के प्रसिद्ध [[ज्योतिषविद्]] और [[गणितज्ञ]] थे। वे [[गुल्बर्गगुलबर्ग]] के निवासी थे। वे [[जैन धर्म]] के अनुयायी थे । उन्होने [[क्रमचय-संचय]] (कम्बिनेटोरिक्स) पर बहुत उल्लेखनीय कार्य किये तथा विश्व में सबसे पहले [[क्रमचय|क्रमचयों]] एवं [[संचय|संचयों]] (कंबिनेशन्स) की संख्या निकालने का सामान्यीकृत [[सूत्र]] प्रस्तुत किया। वे [[अमोघवर्ष नृपतुंग|अमोघवर्ष प्रथम]] नामक महान [[राष्ट्रकूट]] राजा के आश्रय में रहे।
 
उन्होने [[गणितसारसंग्रह]] नामक गणित ग्रन्थ की रचना की जिसमें [[बीजगणित]] एवं [[ज्यामिति]] के बहुत से विषयों (टॉपिक्स) की चर्चा है। उनके इस ग्रंथ का [[पवुलुरि मल्लन्]] ने [[तेलुगू]] में 'सारसंग्रह गणितम्' नाम से अनुवाद किया।
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आदित्य और उनके पूर्व [[ब्रह्मगुप्त]] ने चक्रीय चतुर्भुजों के गुणों पर प्रकाश डाला था। इसके बाद महावीर ने चक्रीय चतुर्भुजों की भुजाओं (sides) एवं विकर्णों (diagonals) की लम्बाई ज्ञात करने के लिये समीकरण दिये।
 
यदि ''a, b, c, d'' किसी चक्रीय चतुर्भुज की भुजाएँ हों तथा इसके विकर्णों की लम्बाई ''x'' तथा ''y'' हो तो,
 
<math>\ x = \sqrt {\frac{ad + bc}{ab + cd} (ac + bd)}</math>