"अंजू बॉबी जॉर्ज": अवतरणों में अंतर

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'''अंजू बॉबी जॉर्ज''' {{lang-ml|അഞ്ജു ബോബി ജോര്‍ജ്ജ്}} ( जन्म 19 अप्रैल, 1977) एक [[भारत|भारतीय]] एथलीट है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में [[पेरिस]] में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था। इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता. 2005 में आईएएएफ (IAAF) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में उन्होंने रजत पदक जीता, इस प्रदर्शन को वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन मानती हैं। <ref>{{cite web|url=http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/article1-our-hero-50-50-199602.html|title=भारतीय एथलीट खजाने में अनमोल हैं: अंजू|publisher=लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम|date=11 नवंबर 2008|accessdate=2 दिसंबर 2013}}</ref>
== प्रारंभिक जीवन ==
अंजू का जन्म [[केरल]] के चंगनसेरीचंगनाश्शेरी में कोचूपरम्बिल परिवार में के.टी.मारकोस के घर हुआ। शुरूआत में उनके पिता ने उन्हें एथलेटिक्स सिखाया, आगे चलकर कोरूथोड स्कूल में उनके प्रशिक्षक ने एथेलेटिक्स में उनकी रूचि विकसित की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सीकेएम कोरूथोड स्कूल से पूरी की और विमला कॉलेज से स्नातक किया। सन् 1991-92 में स्कूल एथलेटिक सम्मेलन में उन्होंने 100 मीटर बाधा व रिले दौड़ में जीत हासिल की और लंबी कूद व उंची कूद प्रतियोगिताओं में वह दूसरे स्थान पर रहीं, इस प्रकार वे महिलाओं की चैंपियन बनीं. अंजू की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्कूल खेलों में सबने देखा जहां उन्होंने 100 मीटर बाधा दौड़ और 4x100 मीटर रिले में तीसरे स्थान प्राप्त किया. वे कालीकट विश्वविद्यालय में थीं।
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{{MedalBronze |एथलेटिक्स में 2003 विश्व चैंपियनशिप एथलेटिक्स 2003 पेरिस|लॉन्ग जम्प}}
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== पेशेवर करियर ==
हालांकि उन्होंने अपनी शुरूआत हेप्टाथलान के साथ की थी, लेकिन बाद में उन्होंने कूद की प्रतियोगिताओं पर ध्यान देना शुरू किया और 1996 दिल्ली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में लंबी कूद का खिताब जीता। 1999 में अंजू ने [[बंगलोर]] फेडरेशन कप में ट्रिपल जंप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और [[नेपाल]] में हुए दक्षिण एशियाई फेडरेशन खेलों में रजत पदक प्राप्त किया। सन् 2001 में अंजू ने [[तिरुवनन्तपुरम|तिरुअनंतपुरम]] में आयोजित नेशनल सर्किट मीट में लंबी कूद के अपने रिकॉर्ड को और बेहतर बनाकर 6.74 मीटर कर दिया। इसी वर्ष उन्होंने [[लुधियाना]] में हुए राष्ट्रीय खेलों में ट्रिपल जंप और लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीता। अंजू ने [[हैदराबाद]] राष्ट्रीय खेलों में भी अपनी प्रतियोगिताओं में सर्वोच्च स्थान बनाए रखा. उन्होंने 2002 में [[मैन्चेस्टर|मैनचेस्टर]] में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 6.49 मीटर की कूद लगाकर कांस्य पदक जीता. उन्होंने [[बुसान]] में हुए [[एशियाई खेल|एशियाई खेलों]] में भी स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने [[पैरिस|पेरिस]] में 2003 में हुई विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर लंबी कूद लगाते हुए कांस्य पदक जीतकर इतीहास रच दिया, इसके साथ ही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं। उन्होंने 2003 एफ्रो एशियाई खेलों में एक स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 2004 में [[एथेंस]] में हुए ओलिंपिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6.83 मीटर की छलांग लगाई और वे छठे स्थान पर रहीं. सितम्बर 2005 में, [[दक्षिण कोरिया]] के इनचान शहर में आयोजित 16 वीं एशियन एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने महिलाओं की लंबी कूद में 6.65 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 2005 में हुए आईएएएफ (IAAF) विश्व एथलेटिक्स फाइनल में 6.75 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता, इस प्रदर्शन को वे अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन मानती हैं। उन्होंने 2006 में [[दोहा]] में आयोजित 15 वें एशियाई खेलों में महिला वर्ग की लंबी कूद में रजत पदक जीता। 2007 में अम्मान (जॉर्डन) में हुई 17 वीं एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अंजू ने 6.65 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता और अगस्त 2007 में ओसाका होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया जहां वे नौवें स्थान पर रहीं। अंजू ने 2008 में अपने सत्र की शुरूआत, दोहा (कतर) में आयोजित तीसरी एशियाई इंडोर चैंपियनशिप में 6.38 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक के साथ की और उसके बाद उन्होंने अपनी कूद में सुधार करते हुए कोच्चि (केरल, भारत) में आयोजित तीसरी दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 6.50 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता।<ref>{{cite web|url=http://www.indianathletics.in/records/Records%20seniors%20(As%20on%2031.12.2011).pdf|title=National records|publisher=ATHLETICS  FEDERATION of INDIA|date=2011-12-31|accessdate=2013-12-2}}</ref>