"समर्थ रामदास": अवतरणों में अंतर

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==कार्य==
समर्थ रामदास जी ने अपने शिष्योंके द्वारा समाज में एक चैतन्यदायी संगठन खड़ा किया । उन्होनें सतारा जिले में 'चाफल ' नाम के एक गाँव में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण किया । यह मंदिर निर्माण केवल भिक्षा के आधार पर किया ।कश्मीर से कन्याकुमारी तक उन्होंने 1100 मठ तथा अखाड़े स्थापित कर स्वराज्यस्थापना के लिए जनता को तैयार करने का प्रयत्न किया। शक्ति एवं भक्ति के आदर्श श्री हनुमान जी कि मूर्तियां उन्होनें गाँव गाँव में स्थापित कि । आपने अपने सभी शिष्योंको विभिन्न प्रांतोंमें भेजकर भक्तिमार्ग तथा कर्मयोग कि सिख जनजन में प्रचारित करने कि आज्ञा कि ।समर्थजीनें।युवाओंको ३५०बलसम्पन्न वर्षकरने पहलेहेतु संतआपने वेणा स्वामी जैसी विधवा महिला को मठपतिसूर्यनमस्कार का प्रचार दायित्वकिया देकर कीर्तन समर्थजीनें।समर्थजीनें ३५० वर्ष पहले संत वेणा स्वामी जैसी विधवा महिला को मठपति का दायित्व देकर कीर्तन का अधिकार दिया । समर्थ जी कि विचारधारा तथा कार्य का प्रभाव लोकमान्य तिलक,स्वातंत्र्यवीर सावरकर, डा. केशव बलिराम हेडगेवार आदि महान नेताओं पर था ।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==