"समर्थ रामदास": अवतरणों में अंतर
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==ग्रन्थरचना==
समर्थ रामदास जी ने दासबोध,आत्माराम, मनोबोध आदि ग्रंथोंकिं रचना है ।समर्थ जी का प्रमुख ग्रन्थ 'दासबोध ' गुरुशिष्य संवाद रूप में है । यह ग्रंथराज उन्होनें अपने परमशिष्य योगिराज कल्याण स्वामी के हाथोंसे महाराष्ट्र के 'शिवथर घल (गुफा)' नामक रम्य एवं दुर्गम गुफा में लिखवाया । इसके साथ उनके द्वारा रची गयी ९० से अधिक आरतियाँ महारष्ट्र के घर घर में गायी जातीं हैं । आपने सैंकड़ो 'अभंग' भी लिखें हैं ।समर्थजी स्वयं अद्वैत वेदांति एवं भक्तिमार्गी संत थे किन्तु उन्होंने तत्कालीन समाज कि अवस्था देखकर ग्रंथोंमें राजनीती, प्रपंच,व्यवस्थापन शास्त्र, इत्यादि अनेको विषयोंका मार्गदर्शन किया
==कार्य==
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