"सत्य हरिश्चन्द्र": अवतरणों में अंतर

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'''<big>एक रूपक चार खेलों में<big>'''
 
 
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चन्द्रावली इत्यादि नाटकों में कवि श्री हरिश्चन्द्र लिखित श्रीयुत् बाबू बालेश्वरप्रसाद बी. ए. की आज्ञानुसार काशी पत्रिका नामक पाक्षिक हिन्दी पत्र से संगृहीत होकर बनारस न्यु मेडिकल हाल प्रेस में छापा गया सन् 1876 ई.में ।