"रक्तचाप": अवतरणों में अंतर

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== कुछ बढ़ने पर ==
कभी रक्तचाप थोड़ा बढ़ा हो, जैसे (१४६/९६) तो तुरंत दवा लेनी नहीं चाहिये। इससे पूर्व कुछ समय तक अपनी जीवन-शैली में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिये। इसका असर ३ महीने में दिखाई देगा। इसके लिये प्रथम तो भोजन में [[सोडियम]] की मात्रा कम करनी चाहिये, सामान्यतः १० ग्राम नमक लोग एक दिन में खाते हैं। इसे कम करके ३ ग्राम तक लाना चाहिये। नमकीन चीजें जैसे दालमोठ, अचार, पापड़ का पूर्णतः परहेज करें। शरीर में ज्यादा सोडियम होने से पानी का जमाव होता है जिससे रक्त का आयतन बढ़ जाता है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ जाता है। भोजन में पोटाशियम युक्त चीजें बढ़ाएं, जैसे ताजे फल, डाब का पानी आदि। डिब्बे में बंद सामाग्री का प्रयोग बंद कर दें। भोजन में कैलशियम (जैसे दूध में) और मैगनिशियम की मात्रा संतुलित करनी चाहिये। [[आहारीय रेशा|रेशेयुक्त पदार्थों]] को खूब खायें, जैसे फलों के छिलके, साग/चोकर युक्त आटा/इसबगोल आदि। [[संतृप्त वसा]] (मांस/वनस्पति घी) की मात्रा कम करनी चाहिये। गाजर अदरक व लहसुन जैसे हर्ब्स का सेवन उच्च रक्तचाप में लाभकारी होता हैं <ref>[http://http://www.onlymyhealth.com/health-slideshow/herbs-for-high-blood-pressure-in-hindi-1393913736.html आपके बीपी को काबू में रखते हैं ये हर्ब्‍स (onlymyhealth.com) ]</ref>
 
इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिये। खूब तेज लगातार ३० मिनट पैदल चलना सर्वोंत्तम व्यायाम है।योग/ध्यान/प्राणायाम रोज करना चाहिये। यदि धूम्रपान करते हों तो पूरा बंद कर दें,वजन संतुलित करनी चाहिये और मदिरापान करते हों तो एक पैग से ज्यादा न पीयें।
 
== देखें ==
* [[रक्तचापमापी]]