"ख़ुबानी": अवतरणों में अंतर

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सूखी ख़ुबानी को भारत के पहाड़ी इलाक़ों में बादाम, [[अख़रोट]] और न्योज़े की तरह ख़ुबानी को एक [[ख़ुश्क मेवा]] समझा जाता है और काफ़ी मात्रा में खाया जाता है। कश्मीर और हिमाचल के कई इलाक़ों में सूखी ख़ुबानी को किश्त या किष्ट कहते हैं। माना जाता है के कश्मीर के किश्तवार क्षेत्र का नाम इसीलिए पड़ा क्योंकि प्राचीनकाल में यह जगह सूखी खुबनियों के लिए प्रसिद्ध थी।
 
खुबानी की प्यूरी को वसा के विकल्प के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। इसकी प्यूरी आलूबुखारे की प्यूरी की तरह बहुत गहरे रंग की नहीं होती और न ही सेब की प्यूरी की तरह जल की अधिकता वाली ही होती है। खुबानी का उद्गम उत्तर पश्चिम के देशों विशेषकर अमेरिका का माना जाता है। कुछ समय बाद यह फल तुर्की पहुंचा। इस समय वहां खुबानी की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। खुबानी का रंग जितना चमकीला होगा, उसमें विटामिन-सी और ई और पोटेशियम की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। सूखी खुबानी में ताजी खुबानी की तुलना में १२ गुना लौह , सात गुना आहारीय रेशा और पांच गुना विटामिन ए होता है। सुनहरी खुबानी में कच्चे आम व चीनी मिला कर बहुत स्वादिष्ट चटनी बनती है। खुबानी का पेय भी बहुत स्वादिष्ट होता है, जिसे ‘एप्रीकॉट नेक्टर’ कहते हैं।<ref>[http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/50-50-65418.html स्वास्थ्यवर्धक खुबानी]।हिन्दुस्तान लाइव</ref>. खुबानी में मौजूद फाइबरयुक्त पाचन तंत्र को ठीक रखता है। खुबानी खाने से कब्ज संबंधी समस्यायें नहीं होतीं। यह बवासीर को दूर करने में भी लाभकारी है। खुबानी फल से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। <ref>[http://www.onlymyhealth.com/health-slideshow/health-benefits-of-using-the-apricot-kernels-in-hindi-1394107447-2.html खुबानी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में जानिए (onlymyhealth.com) ]</ref>
 
== ख़ुबानी के बीज ==