अधिक उंचाई पर स्थित पहाड़ी क्षेत्रों में श्वेत बटन मशरूम को मार्च से नवम्बर तक, ढिंगरी मशरूम को मई से अगस्त तक तथा षिटाके मशरूम को दिसम्बर से अप्रैल तक उगाया जा सकता है।
==मशरूम के फायदे<ref>[http://http://www.onlymyhealth.com/health-slideshow/health-benefits-of-mushrooms-in-hindi-1393836134.html मशरूम के होते हैं अनेक फायदे (onlymyhealth.com) ]</ref>==
# मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। मशरूम का सेवन करने से शरीर में एंटीवाइरल और अन्य प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कि माइक्रोबियल और अन्य फंगल संक्रमण को भी ठीक करता है।
# मशरूम में हाइ न्यूट्रियंट्स पाये जाते हैं, इसलिये ये दिल के लिये भी अच्छे होते हैं। साथ ही मशरूम में कुछ प्रकार के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं जो हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।
# मशरूम का सेवन करने से प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव होता है। क्योंकि इसमें बीटा ग्लूकन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है जो कि एक एंटी कासिजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं। कई शोध भी इस बात का समर्थन करती हैं कि मशरूम में मौजूद तत्व कैंसर के प्रभाव को कम करते हैं।
# मधुमेह रोगियों के लिए मशरूम उत्तम आहार माना जाता है। मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होते हैं। इनमें वो सब कुछ होता है जो किसी मधुमेह रोगी को चाहिये। मशरूम में विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। साथ ही इमसें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो कि मधुमेह रोगी के लिये जानलेवा है। यह शरीर में इनसुलिन के निर्माण में भी मदद करता है।
# मशरूम में लीन प्रोटीन होता है जो कि वजन घटाने में मददगार होता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक माना जाता है।
# मशरूम में विटामिन 'बी' होता है जो कि भोजन को ग्लूकोज़ में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्म बेहतर बना रहता है।