"पोप कॅलिक्स्टस तृतीय": अवतरणों में अंतर

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पोप कॅलिक्स्टस ने 1453 में [[उस्मानी साम्राज्य]] के विरुद्ध [[क्रूसेड]] शुरू करने का आग्रह किया था, जिन्होंने [[कुस्तुंतुनिया]] पर कब्ज़ा कर लिया था, परन्तु इनकी इस पुकार को ईसाई राजकुमारों के बीच समर्थन प्राप्त नहीं हुआ।
 
20 फ़रवरी 1456 को पोप ने अपने दो भतीजो को कार्डिनल पदों पर उन्नत किया। उनमें से पहले थे रोड्रिगो डी बोर्हा, जो बाद में पोप अलेक्जेंडर छठे (1492–1503) बनें, जो अपने कथित भ्रष्टाचार और अनैतिकता के लिए कुख्यात हुए। दूसरे थे लुईस हुलियाँ डी मिला।
 
29 जून 1456 को कॅलिक्स्टस ने [[यूरोप]] भर के [[गिरजाघर|गिरजाघरो]] के घंटो को प्राथना के आह्वान के लिए दोपहर में बजाने का आदेश दिया। जैसे-जैसे आदेश यूरोप भर में फैला, घंटो को बजाने की परम्परा को क्रूसेड के अंतर्गत हुई बॅलग्रेड की घेराबंदी के समय [[बॅलग्रेड]] शहर के रक्षकों के लिए विश्वासियों से प्राथना करने के आह्वान के तरीके के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। इस युद्ध में ईसाईयों को तुर्को के विरुद्ध बड़ी जीत प्राप्त हुई और अंग्रेज़ी व स्पेनी सम्राज्य (जिन्हें जीत की खबर सबसे पहले प्राप्त हुई) में जीत की ख़ुशी में दोपहर को सभी गिरजाघरो के घंटे बजाए गए। इस परम्परा को आज भी कैथोलिक व पुराने प्रोटेस्टेंट गिराघर स्मरणोत्सव के तौर पर अपनाते हैं और दोपहर को गिरजाघरो के घंटे बजाते हैं। इसी जीत की ख़ुशी में कॅलिक्स्टस ने 6 अगस्त को 'परिवर्तन का पर्व' घोषित किया था, जिसे आज भी कई ईसाई सम्प्रदाय मनाते हैं।
 
==बाहरी कड़ियाँ==