"वाल्मीकि रामायण": अवतरणों में अंतर

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== विशेषता ==
 
काव्यगुणों की दृष्टि से '''वाल्मीकि रामायण''' अद्वितीय [[महाकाव्य]] है। विद्वानों का मत है कि यह [[महाकाव्य]] संस्कृत काव्यों की परिभाषा का आधार है। अन्य रचनाकारों के समक्ष उनकी रचनाशैली के लिये अनेक प्रेरक तथा पथ-प्रदर्शक ग्रन्थ रहे हैं किन्तु महर्षि [[वाल्मीकि]] के सम्मुख ऐसी कोई रचना नहीं थी जो उनका पथ-प्रदर्शन कर सके। अतः यह [[महाकाव्य]] पूर्णतः उनकी मौलिक कृति है। अपने इस [[महाकाव्य]] में महर्षि [[वाल्मीकि]] ने अद्वितीय शैली में प्रकृति-चित्रण, सम्वादसंवाद-संयोजन तथा विषय प्रतिपादन किया है।
 
== कथावस्तु ==
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== वाल्मीकि रामायण की शिक्षा ==
 
'''वाल्मीकि रामायण''' से [[पितृभक्ति]], [[भ्रात्रिप्रेमभ्रातृप्रेम]], [[पातिर्व्रत्य धर्म]], [[आज्ञापालन]], [[प्रतिज्ञापूर्ति]] तथा [[सत्यपरायणता]] की शिक्षा प्राप्त होती है।
* [[रामायण]]
* गोस्वामी [[तुलसीदास]] रचित [[श्री राम चरित मानस]]