"गोविन्द बल्लभ पन्त": अवतरणों में अंतर

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|+ '''पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त'''
! bgcolor="#efefef" colspan="2" | [[चित्र:GBPant.jpg|गोविंद वल्लभ पंत]]
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| ७ मई, १९६१
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! bgcolor="#efefef" colspan="2" | संयुक्त प्रान्त/उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमन्त्रीमुख्यमंंत्री
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'''पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त''' ([[जन्म]]: १० सितम्बर, १८८७ - [[मृत्यु]]: ७ मार्च, १९६१) प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और [[उत्तर प्रदेश]] के प्रथम [[मुख्यमंत्री|मुख्य मन्त्री]] थे। अपने संकल्प और साहस के धनी पन्तजी का जन्म [[अल्मोड़ा जिला|अल्मोड़ा जिले]] के ''खोंत'' नामक [[ग्राम]] में हुआ था। सरदार [[वल्लभ भाई पटेल]] के निधन के बाद वे [[गृह मंत्रालय, भारत सरकार|भारत के गृह मन्त्री]] बने। भारतीय संविधान में [[हिन्दी]] भाषा को [[राष्ट्रभाषा]] का दर्जा दिलाने और [[जमींदारी प्रथा]] को खत्म कराने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। [[भारत रत्न]] का सम्मान उनके ही गृहमन्त्रित्व काल में आरम्भ किया गया था। बाद में यही सम्मान उन्हें १९५७ में उनके स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान देने, उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री तथा भारत के गृह मन्त्री के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति [[राजेन्द्र प्रसाद]] द्वारा प्रदान किया गया।