"कुरुक्षेत्र जिला": अवतरणों में अंतर

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==सम्भाग==
कुरुक्षेत्र जिले में दो उप-सम्भागों का समावेश है: थानेसर और पिहोवा। थानेसर उप-सम्भाग में में दो तहसिलें, थानेसर और [[शाहबाद मारकंडा|शाहबाद]] और दो उप-तहसिल, लाडवा और बाबैन हैं। पिहोवा उप-खण्ड में पिहोवा तहसिल और इस्माईलाबाद उप-तहसिल शामील हैं। इस जिले के महत्वपूर्ण नगर कुरुक्षेत्र, थानेसर और [[पिहोवा]] हैं। पंजाब सीमा पर स्थित होने के कारण यहाँ बड़ी संख्या में सिख आबादी भी है।
गौरव ध्वजः बनाने वाले भागीरथ -
कुरुक्षेत्र जिला स्थापित कराने में २ बार लोक सभा निर्वाचित रहे सांसद पूर्व प्रधानमंत्री एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संस्थापक प्रमुख रहे राजऋषि सदाचार के ध्वजः गुलज़ारीलाल नंदा का योगदान तीर्थों की धरोहर विकास निर्माता के रूप सर्वो परि है उनकी बदोलत ही बरह्मसरोवर सहित सन्हित सरोवर जेसे अनेक महाभारत के अवशेष विकास के लिए विश्व मानचित्र में कुरुक्षेत्र का विराट आधुनिक वैभव निखरा। उनकी बदोलत ही एक से बड़ कर एक धर्म अध्यात्म विभूतियों कि बसाहट इस धर्म नगरी में कराई गई जिसके कारण ही सांस्कृतिक राजधानी के रूप में कुरुक्षेत्र भारत के उत्तरी राज्य हरियाणा के 21 जिलों में से महत्व पूर्ण राज्य व् देश का गौरव एक है। भारत रत्न नंदा जी की इछा अनुसार उनकी समाधि सदाचार स्थल भवन में है तथा उनका मियूजियम गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन की उठाई गई सांकृतिक राजधानी बनाने की मजबूत आवाज भारत रत्न नंदा के सबसे जुझारू शिष्य के आर अरुण की लम्बी पहल से बना हुआ है। वर्त्तमान में गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन पंजीकृत संस्थान फर्म्स सोसायटीज में कार्य समिति अधिकृत चेयरमेन कृष्ण राज अरुण कुरुक्षेत्र को हरियाणा के सांस्कृतिक नैतिक स्व रूप को मूल्य वांन समाज की भागीदारी से वैश्विक मानवीय सभ्यता विकास के लिए रचनात्मक आंदोलन चलाये हुए हैं ताकि आने वाले समय में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड देश के राज्यों में तीर्थों के विकास के लिए रोल माडल साबित हो सके।
 
==जनसांख्यिकी==