"बकरी": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में बकरी जैसा छोटे आकार का पशु भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। विगत 2-3 दशकों में ऊंची वार्षिक वध दर के बावजूद विकासशील देशों में बकरियों की संख्या में निरंतर वृध्दि, इनके सामाजिक और आर्थिक महत्व का दर्शाती है। प्राकृतिक रूप से निम्न कारक बकरी विकास दर को बढ़ाने में सहायक सिध्द हो रहे हैं-
* बकरी का विभिन्न
* बकरी की अनेक नस्लों का एक से अधिक बच्चे की क्षमता रखना।
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* बकरी की व्याने के उपरांत अन्य पशु प्रजातियों की तुलना में पुन: जनन के लिए जल्दी तैयार हो जाना।
* बकरी [[मांस]] का समाज में सभी वर्गों द्वारा बिना किसी धार्मिक बंधन के उपयोग किया जाना।
== बाहरी कड़ियाँ ==
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