"रूस": अवतरणों में अंतर

छो Navbox
पंक्ति 85:
{{मुख्य|रूस का इतिहास}}
आधुनिक रूसी लोगों को स्लाव मूल के इतिहास से जोड़ा जाता है जो उत्तर और पश्चिम की तरफ से आए थे । हाँलांकि इससे पहले यवनों (हेलेनिक) तथा ख़ज़र तुर्कों का साम्राज्य दक्षिणी रूस में रहा था । यद्यपि आज रूस में कई मूल के लोग रहते हैं - रूसी, [[खज़र]], [[तातर]], [[पोल]], कज़ाख, कोस्साक - रूसी मूल के लोगों का इतिहास पूर्वी [[स्लाव|स्लावों]] के समय से आरम्भ होता है । तीसरी से आठवीं सदी तक स्लाव साम्राज्य अपने चरम पर था। कीव में स्थापित उनका साम्राज्य ही आज के रूसी लोगों का परवर्ती माना जाता है । कीवी रूसों ने १०वीं सदी में ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया । तेरहवीं सदी में [[मंगोल साम्राज्य|मंगोलों]] के आक्रमण के कारण किवि रुसों का साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। पर तेरहवीं सदी के बाद जैसे-जैसे मंगोलों का शक्ति पश्चिम में क्षीण होती गई रूस भी स्वतंत्र होता गया । इस समय तक रूस सिर्फ यूरोप तक सीमित था - यानि यूराल पर्वत के पश्चिम तक । सन् १३८० में दमित्री ने मॉस्को में रूसी साम्राज्य की स्थापना की जो आधुनिक रूस की आधारशिला कहा जा सकता है । फिर ज़ारों का शासन आया - इस काल में यूरोप और पूर्व की तरफ रूसी साम्राज्य शक्तिशाली हुआ । सन् १७२१ में रूस फिर से एक साम्राज्य के रूप में स्थापित हआ जो धीरे-धीरे औपनिशिक रूप लेता गया । हाँलांकि पश्चिमी यूरोप में वैज्ञानिक खोज़ हुए थे पर [[पीटर महान]] और अन्य शासकों के प्रयासों से रूस का विस्तार पूर्व में हुआ ।
[[चित्र:PeterKievan der-GrosseRus 1838en.jpg|left|thumb|300px|पीटर11वीं महानसदी जिनेमें रूसकीवि कोरुस साम्राज्यवादी नक्शे पर ला खड़ा कियासाम्राज्य]]
 
उत्तरी चीन के मंगोलों को अधीन करने के बाद रूसी सेना जापान के तट तक जा पहुंची और इसके बाद से ही रूसी साम्राज्य इतना विशाल बना । उसके बाद रूसी साम्राज्य का और विकास हुआ। यद्यपि वैज्ञानिक रूप से यह पिछड़ा रहा पर नेपोलियन (१८१२), ईरान (उन्नीसवीं सदी) और तुर्की ( सन् १८५४) से युद्ध जीतते रहने के कारण साम्राज्य स्थिर रहा । उन्नीसवीं सदी में साहित्य और यंत्रों की स्थिति में भी बहुत सुधार आया पर फिर भी रूस पश्चिमी यूरोप से तकनीकी रूप से पिछड़ा रहा ।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रूस" से प्राप्त