"तिनसुकिया जिला": अवतरणों में अंतर
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{{About|असम के एक जिले|इसके जिला मुख्यालय|तिनसुकिया}}
{{India Districts
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|LokSabha = 1.[[Dibrugarh (Lok Sabha constituency)|Dibrugarh]] (shared with [[Dibrugarh district]]), 2.[[Lakhimpur (Lok Sabha constituency)|Lakhimpur]] (shared with [[Lakhimpur district|Lakhimpur]] and [[Dhemaji district|Dhemaji]] districts)
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[[तिनसुकिया]] [[भारत]] के [[असम]] राज्य में एक प्रशासनिक जिला है। इसका जिला मुख्यालय तिनसुकिया में स्थित हैं। तिनसुकिया ऊपरी असम के इस आखिरी जिले को डिब्रूगढ़ से अलग करके बनाया गया. २९-९-१९८९ तारिख को इस जिले की घोषणा हुई थी. यह असम राज्य का एक प्रमुख क्षेत्रीय व्यापारिक केंद्र भी है। यह असम कि राजधानी गुवाहाटी से 486 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पूर्व में और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 84 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। तिनसुकिया जिला 3790 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ क्षेत्र है। 1 अक्टूबर '1989 को अस्तित्व में आया यह जिला एक औद्योगिक और वाणिज्यिक अंचल है जहाँ कृषि उत्पादों जैसे [[चाय]], [[संतरे]], [[अदरक]], और [[धान]] के भारी पैदावार के साथ साथ अनेक उद्यम जैसे [[इंडियन आयल कारपोरेशन]], [[कोल इंडिया]] भी प्रतिष्ठित हैं। यह जिला अपने समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक संसाधन, प्राकृतिक सुंदरता और जिंदादिल लोगों के जीवन से परिपूर्ण है.
==इतिहास==
===मध्ययुगीन काल===
पुराने समय में तिनसुकिया को बेंगमारा के नाम से जाना जाता था तथा मूल रूप से यह चांगमाई पथार के रूप में जाना जाता था. यह मटक राज्य की राजधानी थी जिसे स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा ने स्थापित किया था. मटक राज्य के पहले राजा स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा थे. सर्वानन्द सिंघा ने गुहिजान नदी के किनारे स्थित रंगागोड़ा में अपनी राजधानी को स्थापित किया. १७९१ ई. में उन्होंने बेंगमारा में अपनी राजधानी को स्थानांतरित कर दिया. स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा जो मेज़ारा भी कहलाता था एक योग्य प्रशासक के रूप में जाना जाता था. सर्वानन्द सिंघा नाम उसने राजा बनने के बाद अपनाया. १८वीं सदी के बाद के हिस्से और वीं सदी के प्रारंभिक भाग के दौरान असम के इतिहास में मटक राजवंश का एक अलग ही स्थान है. मटक लोगों ने असम के इतिहास में पहली बार सामाजिक, राजनीतिक आंदोलन का सूत्रपात किया था जिसे के मोमारिया विद्रोह रूप में जाना जाता है. इस विद्रोह से उन्होंने पराक्रमी अहोम साम्राज्य को हिलाकर असम के इतिहास को बदल डाला था. स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा के दिनों में कई तालाबें खोदे गए. जैसे चावलधोवा पुखुरी, कदमनि पुखुरी, दा धरुवा पुखुरी, माहधोवा पुखुरी, बाटोरपुखुरी, लोगोनीपुखुरी, नापुखुरी, देवीपुखुरी, कुम्भीपुखुरी, रुपहीपुखुरी आदि. इसके अलावा मटक क्षेत्र के विभिन्न भागों में कई प्राचीन रास्ते निर्माण किये गए. गोधा बरबरुआ रोड, रंगागोड़ा रोड, राजगोढ़ सड़क और हाथिआली रोड क्षेत्र के मुख्य सड़क थे.
===ब्रिटिश काल===
१८४१ में कप्तान हेमिल्टन वेच द्वारा तैयार नक्शे के अनुसार वर्तमान डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले के एक बड़े हिस्से को मटक देश के रूप में पहचान की गयी। असम राज्य १८२६ में ब्रिटिश सरकार और बर्मी राजा के बीच यांदाबू (Yandabu) की संधि के अनुसार ब्रिटिश साम्राज्य का एक हिस्सा बन गया. १८४२ ई. में मटक देश (तिनसुकिया) और सदिया के क्षेत्र को भी ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा कब्जा कर लिया था. असम के इस सुदूर अंचल में अंग्रेजों को उनका व्यापारिक स्वार्थ खींच ले आया था. ऊपरी असम के विलय में चाय के उत्पादन और तेल के कुओं का खोज मुख्य कारण था. १८२३ ई. में ब्रिटिश लोगों ने तिनसुकिया के सदिया में पहली बार चाय के पौधे की खोज की. १८२६ में तिनसुकिया के पास चबुवा में पहला चाय बागान लगाया गया और १८३७ में चाय का सफल उत्पादन किया गया. चाय के उत्पादन और वितरण के लिए १८३९ में असम कंपनी की शुरुआत की गयी.
तिनसुकिया जिले में ब्रिटिश काल के इतिहास के कुछ प्रमुख मील के पत्थर इस तरह से हैं-
* १८७६ ई. में लिडू और मार्घेरिटा में कोयले का अविष्कार किया गया.
* १८८२ ई. में डिगबोई में पहली बार कच्चे तेल का पता चला और १८८९ में डिगबोई में तेल के कुएँ का निर्माण हुआ. बाद में डिगबोई में ऑइल रिफाइनरी बनाया गया था जो एशिया में पहला और विश्व में तीसरा तेल रिफाइनरी था.
* १८८२ ई. में डिब्रू-सादिया रेलवे लाइन का उद्घाटन किया गया जो तिनसुकिया से गुजरता था. यह अंग्रेजों ने अपने उद्देश्य पूर्ति के लिए बनाया था पर यह पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक इतिहास में एक नया मोड़ था.
* १८९७ ई. में तिनसुकिया के पहला शैक्षिक संस्थान आदर्श प्राथमिक विद्यालय, स्थापित किया गया था.
* २० मार्च १९३४ को महात्मा गांधी ने तिनसुकिया का दौरा किया और कचुजान क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया.
* १९३४ को जवाहरलाल नेहरू ने तिनसुकिया, डिगबोई, और दुमदुमा आदि का दौरा किया था.
==भौगोलिक स्थिति==
तिनसुकिया जिला २७°२३′ से २७°४८″उत्तर अक्षांश और ९५°२२′ से ९५.३८″पूर्व पर स्थित है। यह दक्षिण पूर्व में यह अरुणाचल प्रदेश से घिरा हुआ है और इसके उत्तर में धेमाजी जिला है जिसे पराक्रमी ब्रह्मपुत्र नदी दोनों को अलग करती है. दक्षिण पश्चिम में डिब्रूगढ़ जिला है. तिनसुकिया जिले में चार बड़ी नदियाँ ब्रह्मपुत्र, लोहित, दिहिंग और डिब्रू बहती है.
जिले को 3 कृषि पारिस्थितिक परिस्थितियों में बांटा गया है:
# आर्द्र जलोढ़ बाढ़ प्रवण स्थिति (Humid alluvial flood prone situation): तुलनात्मक रूप से निम्न ऊँचाई वाले, अधिक वर्षा, नदियों और वन के क्षेत्र
# आर्द्र जलोढ़ बाढ़ मुक्त स्थिति (Humid alluvial flood free situation): तुलनात्मक रूप से सम ऊँचाई वाले, अत्यधिक वर्षा, नदियों, प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर और वन के क्षेत्र
# अर्ध आर्द्र जलोढ़ बाढ़ मुक्त स्थिति, पहाड़ियों की तलहटी(Sub-humid flood free situation, foot hills): ऊँचाई वाले पहाड़ी, जैविक संसाधनों से भरपूर क्षेत्र
===वन क्षेत्र===
तिनसुकिया जिले का लगभग 1,55,77,900 हेक्टेयर जमीन वनों से ढका हुआ है. यह तिनसुकिया की कुल भूमि का ३८% हिस्सा है. चिंता की बात ये है की यह जमीन तेजी से घटती जा रही है. लोगों द्वारा जंगलों का अतिक्रमण कर खेतों और चाय बागानों की स्थापना, लकड़ी का अवैध कारोबार, नदी द्वारा भू-कटाव इत्यादि कारणों से प्रतिवर्ष हज़ारों हेक्टेयर वन्यभूमि का ह्रास हो रहा है. तिनसुकिया में डिब्रू-सैखोवा का एक हिस्सा पड़ता है इसके अलावा यहाँ २० से ज्यादा संरक्षित वनांचल हैं. ये हैं:-
डूमडूमा, फिलोबारी, दुआरमारा, लाखिपथार, तरनी, हाह्कटी, देवपानी, कुमसुंग, बूडी-दिहिंग, काकोजान, नलिनी, होलोंगहाबी, टोकोवनी, डांगोरी, मेसाकी, होलोगाँव, कुकुरामारा, सदिया स्टेशन, सदिया स्टेशन (एन.बी.) और कुंडिल कालिया
===जलवायु===
तिनसुकिया जिले में गर्मी, सर्दी और मौसमी चक्र बनाने वाले मानसून के द्वारा एक नम उष्णकटिबंधीय जलवायु है. मोटे तौर पर जिले को दो, ठंड के मौसम और बरसात के मौसम में विभाजित किया जा सकता है. हालांकि, दो अन्य छोटी मौसमों क्रमशः वसंत और शरद ऋतु को भी यहाँ अनुभब किया जा सकता हैं. जिले में ग्रीष्मकाल मार्च से मई के महीनों के दौरान आम तौर पर रहती है. इन महीनों में २४ डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) और ३१ डिग्री सेल्सियस (अधिकतम) का तापमान रहता है. वर्षा गर्मियों के महीनों के दौरान होती रहती हैं, और नमी (आद्रता) के इस मौसम के दौरान अपने चरम पर पहुँच जाती है. मानसून (जून से सितंबर) के महीने तिनसुकिया में भारी वर्षा लाते हैं. तिनसुकिया जिले में सर्दियाँ अक्टूबर से फरवरी के महीने के दौरान होती हैं. सर्दियाँ मौसम सुखद परन्तु धूलभरे रहते हैं, और इस समय के दौरान इस क्षेत्र में तापमान लगभग २४ डिग्री सेल्सियस (अधिकतम) ८ डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) के बीच रहता है. असम के अन्य जिले की अपेक्षा यहाँ ठण्ड ज्यादा रहती है.
==जनसांख्यिकी==
२०११ में भारत की जनगणना के आधार में, तिनसुकिया जिले की आबादी १३,२७,९२९ है. पुरुषों की जनसंख्या ६,८०,२३१ (५१.२२%) है और महिलाओं की ६,४७,६९८(४८.७८%) है. जनसंख्या के हिसाब से यह जिला भारत का ३७१वां (६४० में से) बड़ा जिला है. इस जिले का जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर ३५० निवासियों की है. २००१-२०११ के दशक में इसकी जनसंख्या वृद्धि दर १५.४७% थी. तिनसुकिया जिले की औसत साक्षरता दर ६९.६६% है जो के राष्ट्रीय औसत ६४.८४% से अधिक है. पुरुष साक्षरता दर ७७.१९% है, और महिला साक्षरता ६१.७३% है. तिनसुकिया में महिलाओं का लिंग अनुपात ९५२ प्रति हज़ार पुरुष हैं. जनसंख्या के तमाम तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है-
{| class="wikitable"
|-
! '''विवरण !! 2011 !! 2001'''
|-
| वास्तविक जनसंख्या || १३,२७,९२९ || ११,५०,०६२
|-
| पुरुष || ६,८०,२३१ || ६,०१,०९९
|-
| महिला || ६,४७,६९८ || ५,४८,९६३
|-
| जनसंख्या वृद्धि दर || १५.४७% || १९.५१%
|-
| एरिया वर्ग. किमी || ३,७९० || ३,७९०
|-
| जनसंख्या घनत्व वर्ग. किमी || ३५० प्रति वर्ग किलोमीटर || ३०३ प्रति वर्ग किलोमीटर
|-
| असम की जनसंख्या के अनुपात || ४.२६ || ४.३१
|-
| (प्रति १०००) लिंग अनुपात || ९५२ || ९१३
|-
| बाल लिंग अनुपात (०-६ महीने) || ९६० || ९५७
|-
| औसत साक्षरता दर || ६९.६६|| ६०.९५
|-
| पुरुष साक्षरता || ७७.१९ || ७०.१५
|-
| महिला साक्षरता || ६१.७३ || ५०.७८
|}
==विभाजन==
===लोकसभा===
तिनसुकिया में लोकसभा की अपनी कोई सीट नहीं है. इस जिले का अधिकतर हिस्सा लखीमपुर और कुछ हिस्सा डिब्रूगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
===विधान सभा===
तिनसुकिया में पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं-
१२२ नंबर तिनसुकिया, १२४ नंबर मार्घेरिटा, १२३ नंबर डिगबोई, १२६ नंबर सदिया और १२५ नंबर दुमदुमा.
===प्रशासनिक विभाजन===
* जिले के अंतर्गत तीन महकमे (सब-डिविजन) हैं- तिनसुकिया सदर, मार्घेरिटा और सदिया। सदिया महकमे का मुख्यालय चापाखोवा में है।
* जिले के अंतर्गत चार राजस्व चक्र (रेवेन्यू सर्किल) हैं- तिनसुकिया, मार्घेरिटा, दुमदुमा और सदिया।
* जिले के अंतर्गत सात विकास खंड हैं- गुईजान, मार्घेरिटा, इटाखुली, सैखोवा, हापजान, काकोपाथर और सदिया।
* जिले के अंतर्गत चार चिकित्सा खंड हैं- केटेटंग(मार्घेरिटा), हापजान(माकूम), काकोपाथर और सदिया।
* जिले के अंतर्गत पांच शिक्षा खंड हैं- मार्घेरिटा, हापजान, काकोपाथर, सदिया और तिनसुकिया।
===अन्य===
* गांव पंचायतों की संख्या : 86
* आंचलिक परिषद की संख्या : 7
* जिला परिषदों की संख्या : 1
* टाउन समितियों की संख्या : 7
* नगर बोर्ड की संख्या : 8
* गांवों की संख्या : 1146 (तिनसुकिया-२६२, मार्घेरिटा-३२०, दुमदुमा-४३० और सदिया-१७४)।
* पुलिस थानों की संख्या : 11
* पुलिस चौकियों की संख्या : 7
* चाय बागानों की संख्या : 218
==अर्थव्यवस्था==
[[File:Tea Garden in Tinsukia District.JPG|thumb|तिनसुकिया जिले में महाकाली चाय बागान का एक दृश्य]]
तिनसुकिया असम के एक औद्योगिक जिला है. भारत में सबसे पुराना तेल रिफाइनरी डिगबोई में स्थित है और लिडू और मार्घेरिटा कोयला खनन के लिए प्रसिद्ध हैं. जिले में हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के एक कॉस्मेटिक संयंत्र है.
तिनसुकिया की अर्थव्यवस्था का अन्यतम मुख्य स्रोत है यहाँ के चाय बागान. यहाँ लगभग २२८ छोटे बड़े चाय के बागान हैं. पिछले १०-१२ सालों से लघु चाय उत्पादकों की वजह से चाय उद्योग दिन दुनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है. चाय उद्योग के कारण गांवों के लोगों के आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो गयी है. यहाँ अनेकों छोटे बड़े उद्योग है जिनका विवरण इस प्रकार है-
* पेट्रोलियम आधारित उद्योग (२२)
* कृषि आधारित उद्योग (७२)
* चाय आधारित उद्योग (५७)
* वन आधारित उद्योग (६६)
* लघु चाय उत्पादक (लगभग ११०००)
* इलेक्ट्रॉनिक उद्योग (५)
* खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (४०)
* फल प्रसंस्करण उद्योग (१०)
* प्लास्टिक आधारित उद्योग (५)
* गोपानरी में घरेलु गैस की बॉटलिंग प्लांट
* स्टील तथा दूसरें अनेक फैक्ट्रियां
इसके अलावा बरगुडी नामक स्थल में औद्योगिक एस्टेट है जहाँ अनेकों उद्यम प्रतिष्ठित हैं. प्लास्टिक के बढ़ते प्रचलन को ध्यान में रखते हुए यहाँ प्लास्टिक आधारित उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए यहाँ एक प्लास्टिक पार्क की भी स्थापना की गयी है.
तिनसुकिया असम के वाणिज्य राजधानी के रूप में माना जाता है. यह जिले में कृषि उत्पादों जैसे [[चाय]], [[संतरे]], [[अदरक]], और [[धान]] की भारी पैदावार होती है. दैनिक जरूरत का हर सामान जैसे खाद्य सामग्री, सब्जियां, अच्छी गुणवत्ता की चाय, यहाँ से विभिन्न स्थानों पर भेजी जाती हैं. ग्रामीण तथा बड़े स्तर पर मछली, सूअर तथा मुर्गी पालन किया जाता है. आत्म-सहायक गुट भी जिले के अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
==परिवहन==
[[File:Tinsukia.jpg|thumb|रेल स्टेशन से तिनसुकिया शहर का एक दृश्य]]
तिनसुकिया हवाई मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे से जुड़ा हुआ शहर है. यह गुवाहाटी, असम के राज्य की राजधानी से सड़क मार्ग से ४८६ किमी दूर है. निकटतम हवाई अड्डा मोहनबाड़ी, डिब्रूगढ़ में है जो तिनसुकिया शहर से लगभग ४० किमी दूर है. यहाँ से दिल्ली, गुवाहाटी, कोलकाता और पूर्वोत्तर राज्यों कि राजधानियों के लिए दैनिक और साप्ताहिक हिसाब से हवाई यात्रा उपलब्ध हैं.
तिनसुकिया शहर बहुत अच्छी तरह से रेलवे से जुड़ा हुआ है. यह भारतीय रेल के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अंतर्गत आती है. इस शहर मे दो रेलवे स्टेशन है- न्यु तिनसुकिया जंक्शन और दूसरा है तिनसुकिया जंक्शन। ज्यादातर गाड़ियाँ न्यु तिनसुकिया स्टेशन से ही रवाना होती है। नई तिनसुकिया रेलवे स्टेशन से कई महत्वपूर्ण ट्रेन जैसे - डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, कामरूप एक्सप्रेस, कामख्या एक्सप्रेस, चेन्नई एक्सप्रेस, लेडो इंटर सिटी एक्सप्रेस आदि चलते हैं. लिडू, मार्घेरिटा, माकूम, दुमदुमा, डांगोरि, डिगबोई, टिंगराई ऐसे जगहें हैं जहाँ स्टेशन है और पैसेंजर तथा अन्य कुछ ट्रेने चलती है.
३७ नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग तिनसुकिया से होकर गुजरती है और ये अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे ३८ नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग और ५२ नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुडी हुई है. ३७ नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग तिनसुकिया को राज्य के अन्य शहरों जैसे डिब्रूगढ़, जोरहाट, नौगाँव, गुवाहाटी आदि से जोडती है और जिले के सैखोवाघाट तक जाती है. इन शहरों के लिए दिन और रात्रि दोनों समय डीलक्स बसे चलती रहती है. अरुणाचल प्रदेश तथा राज्य के विभिन्न जगहों पर जाने के लिए असम राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित बसें, प्राइवेट बसें, विंगर और छोटे वाहन नियमित रूप से चलती हैं। स्थानीय परिवहन में ऑटो रिक्शा, ट्रैकर्स, रिक्शा आदि बुनियादी साधन हैं.
यहाँ के सड़के आमतौर पर अच्छी हैं और पर्याप्त मात्र में सभी प्रकार के यात्री वाहन उपलब्ध हैं, जिसके कारण सड़क यात्रा सुगम है.
==पर्यटन==
==राजनीति==
तिनसुकिया जिला आमतौर पर कांग्रेस का गढ़ रहा है. तिनसुकिया में लोकसभा की अपनी कोई सीट नहीं है. इस जिले का अधिकतर हिस्सा लखीमपुर और कुछ हिस्सा डिब्रूगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. तिनसुकिया में पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं- १२२ नंबर तिनसुकिया, १२३ नंबर डिगबोई, १२४ नंबर मार्घेरिटा, १२५ नंबर दुमदुमा और १२६ नंबर सदिया. वर्तमान में पाँच सीटों में से चार पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. पिछले तीन विधान सभा चुनावों में जीतें हुए विधायकों की तालिका नीचे दिया गया है.
{| class="wikitable sortable"
|-
! '''शीर्ष पाठ !! १२२ नंबर तिनसुकिया !! १२३ नंबर डिगबोई !! १२४ नंबर मार्घेरिटा !! १२५ नंबर दुमदुमा !! १२६ नंबर सदिया'''
|-
| २००१ || राजेंद्र प्रसाद सिंह, कांग्रेस || रामेश्वर धानवार, कांग्रेस || प्रद्युत बरदलै, कांग्रेस || दिलेश्वर तांती, कांग्रेस || जगदीश भुयां, अगप
|-
| २००६ || राजेंद्र प्रसाद सिंह, कांग्रेस || रामेश्वर धानवार, कांग्रेस || प्रद्युत बरदलै, कांग्रेस || दुर्गा भूमिज, कांग्रेस || बलिन चेतिया, कांग्रेस
|-
| २०११ || राजेंद्र प्रसाद सिंह, कांग्रेस || रामेश्वर धानवार, कांग्रेस || प्रद्युत बरदलै, कांग्रेस || दिलीप मोरन, बीजेपी || बलिन चेतिया, कांग्रेस
|}
पंचायत चुनावों में भी कांग्रेस का दबदबा रहा है. २०११ में हुए यहाँ के जिला परिषद् सदस्यों चुनाव में २० स्थानों में से १९ पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीतें हैं. गाँव पंचायत सभापति के ८५ सीटों में से ७२ सीटों पर कांग्रेस ने कब्ज़ा किया है. इसी तरह आंचलिक परिषद् के ८५ सदस्यों के चुनाव में कांग्रेस इन ५३ पर बाज़ी मारी है.
==बाहरी स्रोत==
{{commons category}}
* [http://tinsukia.gov.in/ जिला प्रशासन का जालस्थल]
{{Geographic location
|Centre = तिनसुकिया जिला
|North = [[निचली दिबांग घाटी जिला]], [[अरुणाचल प्रदेश]]
|Northeast = [[लोहित जिला]], [[अरुणाचल प्रदेश]]
|East =
|Southeast = [[चेंगलॉन्ग जिला]], [[अरुणाचल प्रदेश]]
|South = [[तिरप जिला]], [[अरुणाचल प्रदेश]]
|Southwest = [[डिब्रूगढ़ जिला]],[[असम]]
|West =
|Northwest = [[धेमाजी जिला]],[[असम]]
}}
{{असम}}
{{coord|27|29|22.07|N|95|21|36.52|E|display=title}}
|