"सारनाथ": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 27:
 
 
'''सारनाथ''' [[काशी]] के सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है,ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यही दिया था,यहीं से उन्होने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्राम्भ किया था,यहां पर सारन्गनाथ महादेव का मन्दिर भी है,जहां श्रावण के महिनेमहीने में हिन्दुओं का मेला लगता है,यह जैन तीर्थ भी है,जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर कहा गया है,[[सारनाथ]] की दर्शनीय वस्तुयें अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ,भगवान बुद्ध का मन्दिर,धामेख स्तूप,चौखन्डी स्तूप,राजकीय संग्राहलय,जैन मन्दिर,चीनी मन्दिर,मूलंगधकुटी,और नवीन विहार हैं,मुहम्मद गौरी ने इसे नष्ट भ्रष्ट कर दिया था,सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया,उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया,वर्तमान में सारनाथ लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है |
 
== परिचय ==