"घाघरा नदी": अवतरणों में अंतर

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'''घाघरा ''' (गोगरा या [[करनाली]]) [[भारत]] में बहनेवाली एक [[नदी]] है । यह [[गंगा]] नदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह दक्षिणी [[तिब्बत]] के ऊंचे पर्वत शिखरों ([[हिमालय]]) से निकलती है जहँ इसका नाम '''कर्णाली''' है। इसके बाद यह [[नेपाल]] से होकर बहती हुई भारत के [[उत्तर प्रदेश]] एवं [[बिहार]] में प्रवाहित होती है। लगभग ९७० किमी की यात्रा के बाद [[छपरा]] के पास यह [[गंगा]] में मिल जाती है। इसे [[सरयू नदी]] के नाम से भी जाना जाता है।
 
सरयू नदी को अपने उद्गम से लेकर बिहार में पहुंच कर गंगा में मिल जाने तक कई नामों से जाना जाता है. कई विद्वानों ने शास्त्रों के आधार पर इस नदी को मानसरोवर की मानस-पुत्री भी बताया है. धारणा है कि हिमालय पर लगभग 3600 मीटर की ऊंचाई से प्रकट होनेवाली सरयू नदी के स्रोत में मानसरोवर का भी अदृश्य योगदान है. पंचेश्वर के आसपास के क्षेत्र को काली कुमाऊं कहा जाता है. काली पहाड़ी से नीचे मैदान पर उतरती है और इसे शारदा के नाम से जाना जाता है. इस नदी का नाम काली माता के नाम पर काली पड़ा जिनका मंदिर कालापानी में लिपु-लीख दर्रे के पास भारत व तिब्बत की सीमा पर है. अपने ऊपरी मार्ग पर यह नदी नेपाल के साथ भारत की निरंतर पूर्वी सीमा बनाती है. यह नदी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में पहुंचने पर शारदा नदी कहलाती है. काली नदी जौल्जिब नामक स्थान पर गोरी नदी से मिलती है. यह स्थान एक वार्षिक उत्सव के लिए जाना जाता है. आगे चलकर यह नदी, कर्नाली नदी से मिलती है और बहराइच जिले में पहुंचने पर इसे एक नया नाम मिलता है, सरयू. ऋग्वेद में वर्णित 40 नदियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी सरस्वती है. दूसरी अहम नदी सिंधु है. सरयू का जिक्र तीन बार तथा गंगा का एक बार हुआ है. नदी स्तुति में अंतिम नदी गोमती (गोमल) है. हिंदू धर्म एवं प्राचीन वास्तुशास्त्र के हिसाब से ईशान-कोण में बहने वाली नदी पवित्रतम मानी जाती है. हिंदू धर्म में ऐसे ही स्थानों पर मंदिरों, बड़े नगरों व राजधानियों को बसाया गया है उदाहरणार्थ सिरपुर दक्षिण कोसल की राजधानी थी, 2600 वर्ष पूर्व में यह भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक क्षेत्र था. यहां पर आकर महानदी साढे छह किमी तक ईशान कोण में बहती है. बनारस पवित्र है कि वहां पर पहुंच गंगा नदी ईशान कोण में बहने लगती है और वहां काशी विश्वनाथ विराजे हैं. अयोध्या इसलिए पवित्र है कि वहां पर पहुंच सरयू नदी ईशान-कोण में 21 डिग्री से बहने लगती है. अयोध्या में सरयू तट पर 14 प्रमुख घाट हैं. इनमें गुप्तद्वार घाट, कैकेयी घाट, कौशल्या घाट, पापमोचन घाट, लक्ष्मण घाट आदि प्रमुख हैं.
 
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