"फ़िजी": अवतरणों में अंतर
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यहाँ [[अंग्रेजी]], [[फ़ीजी हिन्दी]] आदि कई भाषाएँ बोली एवं प्रयोग की जाती हैं।
फिजी मे बोली जाने वाली हिन्दी [[अवधी भाषा]] का ही स्वरूप है । फिजी मे अवध क्षेत्र का बहुत प्रभाव है, वहाँ [[रामायण]] का बोली में भी बहुत प्रभाव है। [[अवध]] में प्रयुक्त शब्दावली आज भी ज्यो कि त्यों यंहा प्रचलित है ,जैसे सब्जी पेठा/सीताफल को कोहंडा कहा जाता है ,पूड़ी को सोहारी ,पैर को गोड़ आदि कहा जाता है . इसका मूल कारण वन्हा गिरमिटिया के रूप में पहुंचे भारतीय अवध क्षेत्र के थे. राष्ट्रकवि पंडित कमला प्रसाद मिश्र , हिंदी सेवी व मंत्री स्व. श्री विवेकानंद शर्मा , प्रो.सतेंदर नंदन आदि सभी की जड़े भारतीय अवध क्षेत्र में है। इनके पूर्वज फैज़ाबाद
फिजी के मूल निवासी [[पोलिनेशिया|पोलिनेशियाई]] और मेलाशियाई लोगों का मिश्रण हैं, जो सदियों पहले दक्षिण प्रशांत के मूल स्थान से यहाँ आये थे। 1879 से 1916 के बीच ब्रिटिश 61000 मजदूरों को [[भारत]] से यहाँ गन्ने के खेतों मे काम करने के लिये यहाँ लाये थे इसके बाद 1920 और 1930 के दशक मे हजारों भारतीय स्वेच्छा से यहां आये। आज यही भारतीय फिजी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। भारतीय फिजियों की जनसंख्या मे तेजी से वृद्धि हुई है।
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