"उत्तर भारत बाढ़ २०१३": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kedarnath Temple.jpg|thumb|250px|[[हिमालय|हिमालय शृंखला]] में स्थित [[केदारनाथ मन्दिर]] और आसपास के इलाके बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्थ हो गये।]]
बाढ़ के कारण [[भूस्खलन]] होने लगा, जिससे सैकड़ों घर उजड़ गये और फंसे हुये हजारों लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया।<ref name=damage>{{cite news|title=58 dead, over 58,000 trapped as rains batter Uttarakhand, UP|url=http://www.business-standard.com/article/current-affairs/58-dead-over-58-000-trapped-as-rains-batter-uttarakhand-up-113061800143_1.html|newspaper=बिज़नेस स्टैंडर्ड |accessdate=18 जून 2013|date=20 जून 2013}}</ref>क़ुदरत का क़हर सबसे ज़्यादा पहाड़ी राज्यों [[उत्तराखंड]] और [[हिमाचल प्रदेश]] में बरपा हुआ। सबसे ज़्यादा तबाही [[रूद्रप्रयाग]] ज़िले में स्थित [[शिव]] की नगरी केदारनाथ में हुई। केदारनाथ मंदिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद तो सुरक्षित है लेकिन प्रवेश द्वार और आस-पास के सारे इलाक़े या तो बह गए हैं या पूरी तरह तबाह हो गए हैं।<ref>{{cite web| url = http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130619_northindia_floods_update_ia.shtml |publisher = [[बीबीसी हिन्दी]] | title = बाढ़: 130 मौतें, शिव की नगरी में तांडव |date = 19 जून, 2013 को 11:56 IST |accessdate = 21 जून 2013}}</ref> [[उत्तराखंड]] के केदारनाथ, रामबाड़ा, सोनप्रयाग, चंद्रापुरी और गौरीकुंड में भारी नुकसान हुआ है। [[कुमाऊँ]] मंडल में [[पिथौरागढ़]] ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है । सैकड़ों गाँव वाढ में बह गए हैं। [[उत्तराखंड]] में हुयी बारिश का असर [[उत्तरप्रदेश]] के [[सहारनपुर]] में भी पड़ा जहां से 15 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की ख़बर है।<ref>{{cite web |url = http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130617_uttarakhand_rain_rd.shtml |title= उत्तर भारत में बारिश से क़हर जारी, 60 मरे |publisher = [[बीबीसी हिन्दी]]|date = 18 जून, 2013 को 08:34 IST | accessdate = 21 जून 2013}}</ref> पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी से लगे [[हरियाणा]] के [[करनाल]], [[पानीपत]], [[सोनीपत]] और [[फरीदाबाद]] में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। इसी बीच [[उत्तरप्रदेश]] में [[शारदा]] नदी पालिया कलां में खतरे के निशान को पार कर गई और बहराइच जिले में महसी क्षेत्र में 44 गांव के लोगों को दूसरी जगह ले जाने के निर्देश दिये गए । <ref>{{cite web| url= http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttarakhand-news-in-hindi/214287/monsoon-rains-in-northern-india-kedarnath-temple-landslides-utta.html |title = उत्तर भारत में मानसूनी बारिश का कहर जारी, मृतकों की संख्या 138 पहुंची |date = 19 जून 2013 03:48:09 PM IST |accessdate = 21 जून 2013 }}</ref>
<ref>aptkal ki picture or add ker ni cahiye</ref>===केदारनाथ मन्दिर===
[[छोटा चार धाम|चारधाम]] में से एक और भारत के प्रसिद्ध [[शिव]] मन्दिरों में से एक [[केदारनाथ मन्दिर]] भारी बारिश के कारण मलबे और कीचड़ से क्षतिग्रस्थ हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप मंदिर की दीवारें गिर गई और बाढ़ में बह गयी।<ref name=pioneer1>{{cite news|title=फ्लड फरी टोल नाउ 131 |url=http://www.dailypioneer.com/top-stories/flood-fury-toll-now-131.html|accessdate=21 जून 2013|newspaper=द पोइनीर, देहरादून|date=19 जून 2013 |language = अंग्रेजी}}</ref> केदारनाथ उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह स्थान समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय पर्वत के गढ़वाल क्षेत्र में आता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊँचा ज्योतिर्लिंग यहीं पर स्थित है। चतुर्भुजाकार आधार पर पत्थर की बड़ी-बड़ी पट्टिओं से बनाया गया यह मन्दिर करीब 1000 वर्ष पुराना है और इसमें गर्भगृह की ओर ले जाती सीढ़ियों पर पाली भाषा के शिलालेख भी लिखे हैं। केदारनाथ मन्दिर गर्मियों के दौरान केवल 6 महीने के लिये खुला रहता है जो प्रसिद्ध हिन्दू संत आदि शंकराचार्य को देश भर में अद्वैत वेदान्त के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये जाना जाता है। यह स्थान एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी है।<ref>{{cite web | url= http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130621_kedarnath_files_pictures_dil.shtml |title=छह दिन और बदल गया केदारनाथ... |publisher=[[बीबीसी हिन्दी]]|date=21 जून, 2013 को 19:56 IST |accessdate=21 जून, 2013 }}</ref> इस ऐतिहासिक मन्दिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद सुरक्षित है लेकिन मंदिर का प्रवेश द्वार और उसके आस-पास का इलाका पूरी तरह तबाह हो चुका है।<ref>{{cite web | url= http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130621_uttarakhand_disaster_update_rd.shtml |title=उत्तराखंड: तबाही के छह दिन बयान करती छह तस्वीरें |publisher=[[बीबीसी हिन्दी]]|date=21 जून, 2013 को 19:47 IST |accessdate=21 जून 2013 |author = शालिनी जोशी | work = देहरादून से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम}}</ref> इस आपदा ने केदारनाथ धाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव रामबाड़ा का नामोनिशान ही मिटा दिया।<ref>{{cite web|url =http://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-10494030.html |title= रामबाड़ा का मिटा नामोनिशान | publisher = [[दैनिक जागरण]] |date = 20 जून 2013, 05:05 AM (IST) |accessdate = 21 जून 2013}}</ref><ref>{{cite web|url =http://www.amarujala.com/news/states/uttarakhand/dehradun/no-trace-of-rambadha-uttrakhand/ |title= रामबाड़ा की जगह सिर्फ मलबा, नहीं बचा नामोनिशान | publisher = [[अमर उजाला]] |date = 18 जून 2013 7:52 PM IST |accessdate = 21 जून 2013}}</ref> इस तरह पूरा केदारनाथ धाम मलबे से पट गया है। धाम में मुख्य मंदिर के गुंबद के अलावा कुछ नहीं बचा है। केदरानाथ धाम के पास बने होटल, बाजार, दस-दस फीट चौड़ी सड़कें, विश्राम स्थल सब मलबे से पट गए हैं। बाढ़ के साथ आई रेत, पत्थर और चट्टानें से पूरे धाम में फैल गई । इससे पहले उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा में आई बाढ़ से शिव की मूर्ति बह गई थी।<ref>{{cite web|url= http://www.bhaskar.com/article/NAT-kedarnath-dham-filled-with-debris-after-cloud-brust-in-uttrakhand-4295551-PHO.html| title=केदारनाथ धाम में बचा है सिर्फ गुंबद, मलबे से पट गया पूरा धाम | publisher = [[दैनिक भास्कर]] |date = 18 जून 2013, 22:02PM IST| accessdate = 21 जून 2013}}</ref>