"बलराम": अवतरणों में अंतर
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मध्यकाल में पहुँचते-पहुँचते ब्रज क्षेत्र के अतिरिक्त - जहाँ कुषाणकालीन मदिरा पीने वाले द्विभुज बलराम मूर्तियों की परंपरा ही चलती रही - बलराम की प्रतिमा का स्वरूप बहुत कुछ स्थिर हो गया। हल, मूसल तथा मद्यपात्र धारण करनेवाले सर्पफणाओं से सुशोभित बलदेव बहुधा समपद स्थिति में अथवा कभी एक घुटने को किंचित झुकाकर खड़े दिखलाई पड़ते हैं। कभी-कभी रेवती भी साथ में रहती हैं।
== जन्म ==
बलराम का जन्म चंद्रवंश में हुआ। [[कंस]] ने अपनी प्रिय बहन [[देवकी]] का विवाह यदुवंशी [[वसुदेव]] से विधिपुर्वक कराया।
जब कंस अपनी बहन को रथ में बिठा कर वसुदेव के घर ले जा रहा था तभी आकाशवाणी हुई और उसे पता चला कि उसकी बहन का आठवाँ संतान ही उसे मारेगा।
कंस ने अपनी बहन को कारागार (Lockup) में बंद कर दिया और क्रमश: 6 पुत्रों को मार दिया, 7वें पुत्र के रूप में नाग के अवतार बलराम जी थे जिसे [[विष्णु|श्री हरि]] ने योगमाया से [[रोहिणी]] के गर्भ में स्थगित कर दिया।
आठवें गर्भ में कृष्ण थे।
== परिचय ==
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