"वरुण गांधी": अवतरणों में अंतर

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{{विलय|वरुण गांधी|date=दिसम्बर 2013}}
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| religion = [[हिन्दू धर्म]]<ref>[http://expressindia.indianexpress.com/latest-news/i-am-a-gandhi-a-hindu-and-an-indian-says-varun/436057/ I am a Gandhi, a Hindu and an Indian, says Varun] एक्सप्रेस इंडिया (१८ मार्च २००९)</ref>
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'''फिरोज वरुण गांधी''' (जन्म १३ मार्च १९८०) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वो [[भारतीय संसद]] के निम्न सदन [[लोकसभा]] के [[पीलीभीत लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र|पीलीभीत]] से सदस्य हैं। वो [[भारतीय जनता पार्टी]] की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और पार्टी के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रीय महासचिव हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.indiastudychannel.com/india/loksabha/415-Pilibhit.aspx|title=Pilibhit Election Result.|trans_title=पीलीभीत चुनाव परिणाम |publisher=इंडियाज़ स्टडी चैनल |accessdate=१९ मई २००९ |date=१३ अप्रैल २०१०|language=अंग्रेज़ी}}</ref><ref name="IBNLIVE.COM">{{cite web|url=http://ibnlive.in.com/news/gadkaris-team-varun-gandhi-chosen-as-youth-icon-of-bjp/111613-37.html|title=Gadkari's new team: Varun chosen as youth icon by the BJP|trans_title=गडकरी की नई टीम: वरुण को भाजपा का युवा चेहरा चुना गया|publisher=आईबीएन लाइव |accessdate=१९ मई २०१४|date=१७ मार्च २०१०|language=अंग्रेज़ी}}</ref> वरुण गांधी को मार्च २०१३ में राजनाथ सिंह की टीम में भी चुना गया। उन्हें राष्ट्रीय महासचिव चुना गया और वो पार्टी के इतिहास में सबसे युवा महासचिव हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.firstpost.com/politics/modi-enters-bjp-parliamentary-board-chauhan-ignored-680050.html|title=Modi Enters Parliamentary Board, Chauhan Ignored.|trans_title=मोदी का संसदीय बोर्ड में प्रवेश, चौहान को छोड़ा |publisher=फर्स्ट पोस्ट |accessdate=१९ मई २०१४|date=३१ मार्च २०१४|language=अंग्रेज़ी}}</ref>
'''वरुण संजय गाँधी''' (जन्म मार्च 13, 1980, [[दिल्ली]] [[भारत]]) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वह [[इंदिरा गाँधी]] के पोते और [[जवाहर लाल नेहरु]] के परपोते हैं.
 
== प्रारंभिक जीवन ==
फिरोज वरुण गाँधी, [[भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री]], [[इंदिरा गाँधी]] के बेटे [[संजय गाँधी]] और बहु [[मेनका गाँधी]] के बेटे हैं. फिरोज़ वरुण गाँधी तीन माह के थे जब उनके पिता की एक विमान दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई.
 
 
31 अक्तूबर, 1984 को, जब वरुण गाँधी 4 साल के थे, तो उनकी दादी और तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी, की उनके सुरक्षा कर्मियों द्वारा हत्या कर दी गयी.
 
 
वरुण की माँ ने, [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनीतिक विरोधी के अलावा, एक पशु कल्याण कार्यकर्ता के तौर पर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने पशु कल्याण की तरफ देश का ध्यान खींचने के लिए अपने प्रसिद्ध नाम का प्रयोग किया. उन्होंने देशव्यापी संगठन पीपुल फॉर एनीमल (पीएफ़ए) की स्थापना की.
 
 
वरुण के परदादा, जवाहरलाल नेहरु, भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, और उनके पर परदादा [[मोती लाल नेहरु]] [[भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन]] के वरिष्ठ नेता थे. .
 
 
इंदिरा गाँधी का वरुण गाँधी से बहुत अधिक लगाव था, इसलिए वे बहुत अधिक दुखी हो गई जब वरुण की माँ घर छोड़ कर गई<ref>इंदिरा गाँधी: अंतिम स्थान
ख्वाजा अहमद अब्बास, लोकप्रिय प्रकाशन, 1985 द्वारा प्रकाशित </ref>. एक साक्षात्कार में, वरुण गाँधी ने माना की वे [[नेहरु गाँधी परिवार]], से अपनापन अनुभव करते हैं जबकि वे एक विरोधी राजनीतिक दल से जुड़े हैं. वरुण ने यह दावा किया की इंदिरा गाँधी ने उनकी माँ [[मेनका गाँधी]] को घर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया था बल्कि उनकी माँ ने अपनी मर्ज़ी से घर छोडा था.
 
 
उन्होंने अपनी शिक्षा [[माडर्न स्कूल, नई दिल्ली]] से प्रारंभ की. चौथी कक्षा के बाद उन्होंने अपना स्कूल [[ऋषि वैली स्कूल]], [[आंध्र प्रदेश]], भारत में स्थानांतरित कर लिया. इसके बाद वह अपने युके सेकेंडरी परिक्षा बोर्ड जीसीएसई और ए स्तर की परिक्षा के लिए [[दी ब्रिटिश स्कूल, नई दिल्ली]] चले गए. उन्होंने अपनी बीएसई इकोनॉमिक्स [[लन्दन स्कूल ऑफ़ इकनोमिक्स और पोलटिकल साइंस]] द्वारा चलाये जा रहे [[विश्वविद्यालय ऑफ लन्दन]] एक्सटर्नल सिस्टम द्वारा पूर्ण की.<ref name="Election Commission UP"> {{Cite web|url=http://ceouttarpradesh.nic.in/ECI/Affidavits/S24/GE/26/FEROZE%20VARUN%20GANDHI/FEROZE%20VARUN%20GANDHI_SC6.jpg|title=Official Website of Chief Electoral Office, Uttar Pradesh (Affidavit of Feroze Varun Gandhi for Lok Sabha 2009)}}</ref> . वह अब तक [[ओरिएण्टल और अफ्रीकन स्टडीज]] लन्दन <ref> http://varungandhi.net.in/pdf/degree.pdf </ref> से आठ वैकल्पिक विषयों को पूरा कर चुके हैं.
 
 
 
== कैरियर ==
 
 
वरुण ने अपना राजनीतिक जीवन अपनी माँ की तरह ही कम आयु में प्रारम्भ कर दिया था, मेनका गाँधी उनके जन्म के समय से ही राजनीति में सक्रीय थी.
 
 
अगस्त 1999 में, 19 साल की आयु सें, फिरोज वरुण गाँधी अपनी माँ के चुनाव शेत्र [[पीलीभीत]] में सक्रीय हो गए थे.<ref>{{Cite web|url=http://www.indianexpress.com/res/web/pIe/ie/daily/19990831/ipo31034.html|title=Enter another Gandhi -- Maneka launches son|publisher=Indian Express|accessdate=2009-03-28|date=August 30, 1999}}</ref> वे वरुण को अपने साथ सभाओं में ले जाती थी. वरुण ने चुनाव प्रचार के दौरान जन सभाओं को संबोधित करना प्रारम्भ कर दिया था.<ref>{{Cite web|url=http://www.expressindia.com/news/ie/daily/19990903/ige03069p.html|title=Feroze Varun attempts to impress with `sincerity'|publisher=Indian Express|accessdate=2009-03-28|date=September 2, 1999}}</ref>
 
 
उन्होंने "दी अदर्नेस ऑफ सेल्फ" <ref>{{Cite web|url=http://www.hindu.com/thehindu/2000/10/29/stories/13290787.htm|title=Sightings|publisher=The Hindu|accessdate=2009-03-28|date=October 29, 2000}}</ref> नामक कविताओं की एक किताब लिखी, जिसे [[अन्जोली इला मेनन]] [[मंजीत बावा]] और मनु पारेख ने चित्रों से सजाया. जब उनसे पूछा गया की कविता लिखेने का क्या कारण है, तो वरुण ने कहा "क्योंकि यह सटीक है और भाषा की शक्ति को दर्शा सकती है."<ref> फ्रेम द्वारा फ़्रेम http://www.indianexpress.com/news/frame-by-frame/436181/ </ref>
 
 
फरवरी 2004 में, वह भाजपा महासचिव [[प्रमोद महाजन]] के आश्वासन पर अपनी माँ के साथ [[भारतीय जनता पार्टी]] में सम्मिलित हो गए.<ref>{{Cite web|url=http://www.cbc.ca/news/background/india/nehru_gandhi.html|title=The Nehru/Gandhi dynasty|accessdate=2009-03-28}}</ref> उनके भाजपा में सम्मिलित होने से भाजपा के महासचिव [[प्रमोद महाजन]] का दावा था कि "वरूण के भाजपा में शामिल होने के कारण, आधा कांग्रेस हमारे साथ होगा..."<ref>{{Cite web|url=http://sify.com/news/fullstory.php?id=13387993|title=Feroze Varun Gandhi to join BJP|publisher=Sify|accessdate=2009-03-28|date=February 12, 2004}}</ref> प्रधानमंत्री [[अटल बिहारी वाजपेयी]] मेनका गाँधी और वरुण के साथ मीडिया के सामने आये जिसके बाद बीजेपी ने भाजपा के उस समय के अध्यक्ष [[वेंकैया नायडू|वेंकैया नायडू<ref>{{Cite web|url=http://www.hinduonnet.com/2004/02/18/stories/2004021801431000.htm|title=Politics of Indira's grandchildren|publisher=The Hindu|accessdate=2009-03-28|date=February 18, 2004}}</ref>]] की अध्यक्षता में मीडिया कार्यक्रम को आयोजित किया गया. [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] की अध्यक्ष और वरूण की चाची, [[सोनिया]], ने राजनीतिक कैरियर में उसकी सफलता की कामना की.<ref>{{Cite web|url=http://www.hinduonnet.com/thehindu/thscrip/print.pl?file=2004021710731100.htm&date=2004/02/17/&prd=th&|title=Sonia wishes Varun success|publisher=The Hindu|accessdate=2009-03-28|date=February 17, 2004}}</ref> किन्तु बाद में उन्होनें कहा कि मेनका और वरुण का [[बीजे]]पी में शामिल होना "बहुत दुखदायी है क्योंकि नेहरू-गाँधी परिवार हमेशा सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ा है".<ref>{{Cite web|url=http://www.telegraphindia.com/1040229/asp/nation/story_2950419.asp|title=Varun move pains Sonia|publisher=The Telegraph|accessdate=2009-03-28|date=February 28, 2004}}</ref>
 
 
वरुण को बीजेपी द्वारा 2004 के चुनाव में एक मुख्य पर्चारक के तौर पर उतारा गया था. लेकिन, उन्होंने फिर भी, अपने परिवार के चचेरे भाई [[राहुल गाँधी]] और [[प्रियंका गाँधी]] और अपनी चाची [[सोनिया गाँधी]] के खिलाफ कुछ कहने से इनकार कर दिया.
 
 
अक्तूबर 2004 में, [[महाराष्ट्र]] विधानसभा चुनावों में जब वे भाजपा के लिए प्रचार कर रहे थे, तो उन्होंने कांग्रेस के सामने यह प्रश्न रखा की उन्होंने पिछले 50 सालों में अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया.<ref>{{cite web|url=http://sify.com/news/politics/fullstory.php?id=13582519|title=Congress has no concern for minorities: Varun Gandhi|publisher=Sify|accessdate=2009-03-28|date=October 5, 2004}}</ref>
 
 
नवम्बर 2004 में, उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल किया गया.
 
 
2006 में, भाजपा ने उन्हें [[विदिशा]] मध्य प्रदेश से [[लोक सभा]] का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया, यह सीट उनके लिए [[मध्य प्रदेश]] के [[मुख्यमंत्री]] [[शिवराज चौहान]] द्वारा खाली की गई थी.<ref>{{Cite web|url=http://www.telegraphindia.com/1060511/asp/nation/story_6209748.asp|title=Stage set for another Gandhi in House|publisher=The Telegraph|accessdate=2009-03-28|date=May 10, 2006}}</ref> परन्तु बाद में पार्टी वरुण को टिकिट देने से पीछे हट गयी.<ref>{{Cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/2106159.cms|title=Varun Gandhi denied LS ticket from Vidisha|publisher=Times of India|accessdate=2009-03-28|date=October 6, 2006}}</ref> बाद में पार्टी ने वरुण को [[उत्तर प्रदेश]] के [[मिर्जापुर]] शेत्र से सीट देने की पेशकश की, परन्तु इस बार इस सीट के लिए वरुण ने इनकार कर दिया.<ref>{{Cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/Gorakhpur_MP_Yogi_threatens_to_field_rebels/articleshow/1770072.cms|title=Gorakhpur MP Yogi threatens to field rebels|publisher=Times of India|accessdate=2009-03-28|date=March 16, 2007}}</ref>
 
 
 
जनवरी 2008 में, मीडिया की ओर से ये खबर आई की उनकी माँ मेनका गाँधी 2009 के चुनावों के दौरान, अपनी पांच वर्षों से निर्वाचित सीट को वरुण के लिए छोड़ देंगी जबकि वे पडोसी शेत्र [[ओंला]] से चुनाव लडेंगी. भाजपा ने वरुण गाँधी को 2009 के आम चुनाव में पीलीभीत लोकसभा सीट से उतारने का फैसला किया.<ref> [http://www.bjp.org/images/pdf/nov_1108_p.pdf उत्तर प्रदेश लोक सभा चुनाव 2009 के लिए भाजपा उत्तर प्रदेश के लिए उम्मीदवारों की भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा जारी अंतिम सूची] </ref> . वरुण गाँधी भारत की 15वीं लोकसभा में लगभग 293,501 वोटों के अंतर से जीतकर चुने गए थे. उन्हें करीब 429,000 वोट प्राप्त हुए. यह एक नवागंतुक के लिए सबसे अधिक सीमा और सभा में दूसरी सबसे अधिक सीमा थी.
 
 
 
== दर्शाव ==
 
 
अक्टूबर 2005 में, ''[[हार्डटाक]]'' <ref> वरुण गाँधी द्वारा अटल, आडवाणी का बचाव http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/1261829.cms </ref> [[बीबीसी]] के लिए [[स्टीफेन स्कुर]] ने उनका साक्षात्कार लिया.
 
 
उनसे पूछा गया की उन्होंने भाजपा शामिल होने का फैसला क्यों किया जबकि उनका [[नेहरु-गाँधी परिवार]] पारंपरिक रूप से [[भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस]] का नेतृत्व कर रहा है, इस पर वरुण का कहना था की "एक पार्टी के तौर पर इसके बहुत अधिक वैचारिक सिद्धांत नहीं है जिन पर मेरा परिवार टिका है और उन का पालन मैं भी करूँ यह आवश्यक नहीं है." हाल ही के समय में, बीजेपी भी [[राष्ट्रवाद]] और [[धर्मनिरपेक्षता]] का प्रतिनिधित्व करने लगी.
 
 
उन्होनें अपने पिता [[संजय गाँधी]] का इस बात पर पक्ष लिया की उन्होंने कार निर्माण के लिए जिस [[मारुती उद्योग]] की स्थापना की, उसने भारत के उद्योग को फिर से स्थापित किया और इस नीति ने कांग्रेस पार्टी की वापसी <ref> एसओएएस छात्र वरूण गाँधी द्वारा बीबीसी पर हिन्दू फासीवाद जारी करना http://video.google.com/videoplay?docid=-7931724498266205861 </ref> में सहायता की.
 
 
 
== विवाद ==
 
=== डालचंद ===
 
 
एक विडियो कथित तौर पर उभरा जिसमें वरुण गाँधी को एक सार्वजनिक सभा में साम्प्रदायिक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है.
 
 
6 मार्च, 2009, डालचंद इलाके में एक सभा में उन पर यह कहने का आरोप लगा की ([[हिन्दी]] से अनुवादित) "अगर किसी ने भी [[हिन्दुओ]] के विरुद्ध हाथ उठाया, या सोचा की वे कमज़ोर हैं, उनके पीछे कोई नहीं है, तो मैं कसम खाता हूँ [[भगवद गीता]] की तो मैं उस हाथ को काट दूंगा"<ref> http://www.expressindia.com/latest-news/varun-gandhis-hatemuslim-speech-makes-his-bjp-squirm/435400/ </ref><ref> http://www.indianexpress.com/news/varun-gandhis-hatemuslim-speech-makes-his/435400/ </ref>. हालांकि, इस जारी की गई सीडी की प्रमाणिकता और स्वामित्व का कोई प्रमाण नहीं है. किसी भी समाचारपत्र, टीवी चैनल या रेडियो स्टेशन ने इसके स्वामित्व का दावा नहीं किया या इसकी रिकार्डिंग के प्रश्न में, इसके विरोध या समर्थन में कोई वैकल्पिक संस्करण उपलब्ध नहीं कराया है. किसी एक ने भी बतौर गवाह ये दावा नहीं किया की वह उस रैली या सभा में उपस्थित था अथवा थी, जहाँ पर ये तथाकथित विवादित घटना हुई थी. सबूत की कमी के बाद भी उन्हें एनएसए के तहत जेल भेजा गया.<ref> http://www.telegraph.co.uk/news/worldnews/asia/srilanka/5067550/Varun-Gandhi-youngest-scion-of-Nehru-Gandhi-dynasty-is-behind-bars.html </ref>
 
 
[[भारत के चुनाव आयोग]] ने [[उत्तर प्रदेश]] के मुख्य चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया की वो [[भारतीय संहिता अधिनियम]] तथा जन विरोधी गतिविधि के तहत वरुण गाँधी पर केस दर्ज करे और उनको आदर्श आचरण के उल्लंघन का नोटिस जारी किया जाए.<ref name="ibn_ec"> http://ibnlive.in.com/news/ec-to-file-criminal-case-against-varun-gandhi/87895-37.html </ref> चुनाव आयोग ने वरुण गाँधी को कारण बताओ नोटिस दिया और उनहे 20 मार्च 2009 को सुबह 11 बजे तक इसका जवाब देने के लिए कहा गया.
 
 
वरुण गाँधी ने इन बयानों से इनकार किया और यह दावा किया कि उसकी आवाज के साथ रिकॉर्डिंग में गड़बड़ की गयी थी. उन्होंने यह दावा किया की यह बयान आसामाजिक तत्वों के खिलाफ लोगों को शक्ति देने के लिए दिया गया था लेकिन वो इस बात से इनकार करते हैं, की यह बयान किसी ख़ास समुदाय को निशाना बना कर दिया गया था. उनका कहना है की उनकी आवाज़ को कुछ स्थानों से काट कर उसके स्थान पर उनकी आवाज़ की नक़ल उसमें डाली गयी है.<ref name="timesnow"> http://www.youtube.com/watch?v=CXKGbA6-nTc </ref><ref name="starnews"/><ref name="cnnibn"> http://www.youtube.com/watch?v=NX6JAc8kyQY </ref> हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि वह कोई कारण नहीं मानते हैं कि सीडी के साथ कुछ गड़बड़ की गयी थी<ref name="ie_cd"> http://www.indianexpress.com/news/no-reason-to-think-varun-cd-tampered-cec/437255/ </ref> और साबित करना है कि वरुण गाँधी निर्दोष है इसकी जिम्मेदारी उस पर है. इस बयान के कारण चुनाव आयोग की निष्पक्षता और तटस्थता पर सवाल है क्योंकि यह स्वतः ही वरुण गाँधी को दोषी मानता है जबकि यह सिद्ध नहीं हुआ है.
 
 
वरुण उस इलाके में आसामाजिक तत्वों द्वारा तीन हिन्दू महिलाओं से किये गए बलात्कार के विषय में बोल रहे थे. वरुण का यह कहना था की लोगों का इस व्यवस्था में विश्वास नहीं है और किसी भी प्रकार के मामले दर्ज नहीं किये जा जाते.
 
 
त्रिबुने [[चडीगढ़]] समाचारपत्र ने यह खबर दी की कुछ मुस्लिम और सिखों ने इस सभा में भाग लिया था और वे इस बात से इनकार कर रहे हैं, की वरुण ने किसी भी समुदाये के खिलाफ कुछ कहा था, उन्होंने यह आरोप लगाया की यह एक राजनितिक षडयंत्र था.<ref name="tribune"> http://www.tribuneindia.com/2009/20090401/nation.htm#2 </ref>
 
 
अपने बचाव भाषण में उन्होंने कहा की मैं बराबर मात्रा में गाँधी, हिन्दू और भारतीय हूं.<ref> [http://www.dnaindia.com/blogs/post.php?postid=116 वरुण गाँधी एक चौथाई हिंदू है] </ref>
 
 
22 मार्च 2009 को, भारत के निर्वाचन आयोग ने भाजपा को कहा की वे वरूण को 2009 के आम चुनावों के लिए उम्मीदवार के रूप में मनोनीत ना करें. निर्वाचन आयोग ने भाजपा को सूचित किया की, जब पार्टी उस दी गयी टिप्पणी को अस्वीकृत कर चुकी है, अब यदि पार्टी वरुण को उम्मीदवार के रूप में उतारती है तो जो कुछ भी उसने अपने "नफरत भरे भाषण" में कहा था उसे पार्टी की नीति के तहत ही देखा जाएगा.<ref> [http://www.ndtv.com/convergence/ndtv/video/video.aspx?id=63582 चुनाव आयोग वरूण को दोषी पाता है, उसकी निंदा करो] </ref> हालांकि, भाजपा ने कहा कि राजनितिक पार्टियों को हुक्म देना चुनाव आयोग के क्षेत्र में नहीं है कि किस उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए और किसे नहीं. भाजपा ने विवादास्पद चुनाव आयुक्त नवीन चावला के कांग्रेस पार्टी के साथ निकटता होने के कारण पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन पर प्रश्न उठाया.
 
 
भाजपा अध्यक्ष [[राजनाथ सिंह]] ने कहा की रिकार्डिंग के साथ गड़बड़ की गयी है और भाजपा आयोग की सलाह को नहीं मानेगी.<ref> वरूण की उम्मीदवारी रद्द नहीं की जायेगी: राजनाथ http://www.hindu.com/thehindu/holnus/000200903251751.htm </ref> .
 
 
29 मार्च को, वरुण गाँधी ने [[पीलीभीत]] में स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत की अवधि समाप्त हो गई थी और उन्हें गिरफ्तार कर जेल <ref> पीलीभीत में उच्च नाटक के बीच वरूण का समर्पण http://www.hindu.com/2009/03/29/stories/2009032957300100.htm </ref> में बंद कर दिया गया था. उनके लिए 16 अप्रैल को दो सप्ताह का परोल मंज़ूर किया गया <ref> [http://www.zeenews.com/nation/2009-04-17/523939news.html सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पैरोल पर वरुण की रिहाई] </ref> और उन्होंने 22 अप्रैल को पीलीभीत से उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.<ref> [http://www.ptinews.com/pti%5Cptisite.nsf/0/69D8A5C06C32384A652575A000353FE7?OpenDocument वरुण गाँधी पीलीभीत से नामांकन भरा] </ref> बहरहाल, उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए वरुण गाँधी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया. भारतीय इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ की एक बार चुनाव घोषित होने के बाद, किसी विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार को एनएसए के तहत कैद किया गया हो. इस कड़े कानून के अर्न्तगत एक व्यक्ति को 1 साल तक सलाखों के पीछे रखा जा सकता है, यदि वह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा माना गया हो. वरुण गाँधी पर एनएसए की अनेक धाराएं लगाईं गई. वरुण गाँधी ने भारत के उच्चतम न्यायालय से संपर्क किया और अपनी स्थिती बताई उच्च न्यायालय ने भी वरुण गाँधी पर एनएसए लगाए जाने पर आष्चर्य जताया क्योंकि वरुण कोई अपराधी नहीं थे.
 
 
8 मई को, [[इलाहबाद हाई कोर्ट]] की राज्य सलाहकार समीति ने [[भारतीय जनता पार्टी]] के पीलीभीत उम्मीदवार वरुण गाँधी पर लगे [[राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून]] को हटाने की सिफारिश की. जिसमे यह कहा गया की पर्याप्त सबूतों के अभाव के कारण इस कानून के तहत उन के ऊपर आगे मुकद्दमा जारी नहीं रखा जा सकता. बहरहाल, [[मायावती]] के नेतृत्व वाली [[उतर प्रदेश]] की राज्य सरकार ने अपने निर्णय से पीछे हटने से इनकार कर दिया और इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
 
 
14 मई 2009 को, [[भारत का उच्च न्यायालय]] वरुण गाँधी के खिलाफ एनएसए के जारी रखने के राज्य सरकार के अनुरोध से संतुष्ट नहीं था, और उसने राज्य सरकार से कहा कि वह तत्काल एनएसए आदेश रद्द करे. राज्य सरकार ने तुरंत इसका पालन किया. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी और पैरोल सम्बंधित उन सभी प्रतिबंधो को हटा लिया जो उत्तर प्रदेश राज्य ने उन पर लगाये थे<ref> http://news.bbc.co.uk/1/hi/world/south_asia/8050026.stm </ref>.
 
 
16 मई को, वरूण ने पीलीभीत संसदीय सीट जीत ली, उन्होंने 281,501 वोटों के एक विशाल अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी वी.एम.सिंह को पराजित किया.<ref> http://eciresults.nic.in/StateWiseTrends.htm </ref>
 
 
 
=== कॉलेज की उपाधियाँ ===
 
 
यह व्यापक रूप से प्रचारित किया गया था कि वरुण गाँधी ने [[लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स]] (एलएसई) और [[ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज]] (एसओएएस), लंदन, यूनाइटेड किंगडम से कोलेज की डिग्री ली है.
<ref> [http://www.ndtv.com/convergence/ndtv/new/Ndtv-Show-Special-Story.aspx?ID=28&amp;StoryID=NEWEN20090088105&amp;ch=319200924500PM एनडीटीवी: वरुण गाँधी:, लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से स्नातक, एक कला प्रेमी अब एक हिंदू बाज़] </ref>,<ref> [http://www.thedailybeast.com/blogs-and-stories/2009-04-12/gandhi-family-feud/ दैनिक बेस्ट: गाँधी परिवार के बीच अनबन] </ref>. 19 मार्च 2009, को वरुण गाँधी के वकीलों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत की, जिसमे यह अनुरोध किया गया कि उनके खिलाफ लगाये गए आपराधिक आरोपों को खारिज किया जाए<ref> [http://ibnlive.in.com/news/varun-gandhi-moves-allahabad-hc-challenging-fir/88144-37.html सीएनएन-आइबीएन: वरुण गाँधी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में ऍफ़आईआर को चुनौती दी] </ref>. इस याचिका को वरुण गाँधी के एक शपथ पत्र सहित वापस किया गया. याचिका में यह दावा किया गया था:
 
:"यह याचिकाकर्ता एक शिक्षित और शांतिप्रिय नागरिक है और इसने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से वर्ष 1999 से 2002 तक बीएससी अर्थशास्त्र किया है और उसके बाद इन्होने स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज, लंदन के विश्वविद्यालय से, वर्ष 2002-2004 में सार्वजनिक नीति में एमएससी की है"<ref name="ie_college"> http://www.indianexpress.com/news/varun-told-hc-he-has-degrees-from-lse-soas-the-institutions-say-he-does-not/440606/0 इंडियन एक्सप्रेस: वरूण ने कोर्ट से कहा कि वे लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स, एसोएएस से डिग्री प्राप्त है; जबकि संस्थानों का कहना है कि वे नहीं है </ref>.
30 मार्च 2009 को, ''[[इंडियन एक्सप्रेस]]'' ने एलएसई और एसओएएस के प्रबंधकों के एक बयान के साथ यह कहानी प्रकाशित की जिसमे उन्होंने यह खंडन किया था, की वरुण गाँधी ने इन संस्थानों से उपाधि ली है. वरुण गाँधी ने स्नातक की उपाधि [[लन्दन विश्वविद्यालय की बाहरी व्यवस्था]] के माध्यम से ली थी. एसोएएस के एक संपर्क अधिकारी ने कहा: "फिरोज वरुण गाँधी [[एसओएएस]] से अपने एमएससी कार्यक्रम से वापस हट गए थे, और इसलिए लिए वे एसओएएस से वास्तव में स्नातक नहीं है."<ref> [http://www.indianexpress.com/news/varun-told-hc-he-has-degrees-from-lse-soas-the-institutions-say-he-does-not/440606/0 वरूण ने हाईकोर्ट से कहा कि वे लंदन स्कूल आफ इकॉनोमिक्स, एसओएएस से डिग्रीप्राप्त हैं जबकि संस्थानों कहना है कि वे नहीं है] </ref> .
10 अप्रैल, 2009 को, इंडियन एक्सप्रेस ने वरुण गाँधी की ओर से एक प्रतिक्रिया प्रकाशित की. गाँधी ने स्वीकार किया कि दोनों डिग्री बाहरी संस्थानों द्वारा प्रायोजित थी, और "उनकी भी उपाधि वास्तव में आंतरिक उम्मीदवारों की भांति ही सामान शैक्षिक और बोद्धिक सतर की हैं". उन्होंने कहा की उन्होंने कुछ निजी कारणों से भारत में शिक्षा प्राप्त की ताकि वे उन भारतीय छात्रों के सामने उदाहरण बन सके जो "विदेशी यात्रा में खर्च होने वाली उसके परिवार और देश के लिए कीमती बहरी मुद्रा संसाधन को खर्च किये बिना भी उपाधि प्राप्त सकते हैं"<ref name="indianexpress.com"> [http://www.indianexpress.com/news/my-degrees-owned-entirely-by-lse-soas-varun-gandhi/445280/0 इंडियन एक्सप्रेस: मेरी डिग्री लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स, एसोएएस द्वारा 'पूरी तरह से स्वामित्व' की गई है: वरुण गाँधी] </ref>.
 
 
''इंडियन एक्सप्रेस'' ने यह निष्कर्ष निकाला "एलएसई और एसओएएस संस्थान और अधिकारीयों की सुचना के अनुसार उनकी उपाधि इन संस्थानों से नहीं ली गई है"<ref name="indianexpress.com"/>. इंडिया टुडे ने यह रिपोर्ट दी की वरुण ने विदेश में शिक्षा ली है, लेकिन वे [[डरहम विश्वविद्यालय]] में [[कानून की डिग्री]] लेने में असफल रहे, वहां वे प्रति माह 1,500 पाउंड के भत्ते पर रहते थे.
 
 
 
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File:Feroze Varun Gandhi 002.jpg|वरूण फिरोज गाँधी
File:Feroze Varun Gandhi 003.jpg|वरूण फिरोज गाँधी
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== इन्हें भी देखें ==
 
* [[विश्व के राजनीतिक परिवार]]
* [[मेनका गाँधी]]
* [[पीलीभीत]]
* [[पीलीभीत - लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र]]
* [[नेहरू-गाँधी राजवंश]]
 
 
 
== संदर्भ ==
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{{Cleanup-link rot|date=March 2009}}
 
 
 
== बाहरी लिंक ==
 
* [http://sify.com/news/videos/sifyani_morevideos.php?channel=News&amp;video_id=1738 वरुण गाँधी पीलीभीत में गिरफ्तारी के लिए ]
* [http://www.in.com/videos/watchvideo-varun-gandhis-antimuslim-speech-2644997.html वरुण गाँधी का मुस्लिम विरोधी भाषण ]
* [http://www.bbc.co.uk/newsa/n5ctrl/progs/05/hardtalk/gandhi17oct.ram वरूण गाँधी बीबीसी के हार्ड टॉक पर ]
* [http://www.google.co.in/search?hl=en&amp;q=hate+speech+of+varun+gandhi&amp;btnG=Google+Search&amp;meta=&amp;aq=f&amp;oq= ]
* [http://www.google.co.in/search?hl=en&amp;q=hate+speech+of+varun+gandhi%2BKadyan&amp;btnG=Search&amp;meta=&amp;aq=f&amp;oq= ]
 
==पूर्व जीवन==
वरुण गांधी का जन्म १३ मार्च १९८० को नई दिल्ली में हुआ। उनके माता पिता का नाम [[मेनका गांधी]] और [[संजय गांधी]] है। वो पूर्व प्रधानमंत्री [[इंदिरा गांधी]] के पौत्र हैं। उनके पिता की आयु एक विमान दुर्घटना में जून १९८० में हुई। उनके पिता के निधन के समय वरुण गांधी की आयु मात्र ३ माह थी।
==राजनीतिक वृत्ति==
वरुण गांधी ने १९९९ में पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र में अपनी मां के लिए प्रचार कार्य आरम्भ किया। उन्होंने अपनी मां के साथ २००४ में भाजपा की सदस्यता प्राप्त की। इससे पहले वो [[राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन]] (राजग) की सदस्य थीं।
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
==बाहरी कड़ियाँ==
* [http://164.100.47.132/LssNew/Members/Biography.aspx?mpsno=4277 Official Bioprofile at Parliament of India of Varun Gandhi]
* [http://india.gov.in/govt/loksabhampbiodata.php?mpcode=4277 Profile at Govt. of India website]
 
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{{s-ttl|title= [[Pilibhitपीलीभीत -लोक Lokसभा Sabhaनिर्वाचन Constituencyक्षेत्र#Members of Parliamentसांसद|Memberपीलीभीत forसे Pilibhitसदस्य]] | years=2009 – presentवर्तमान}}
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{{Persondata <!-- मेटाडाटा: [[विकिपीडिया:व्यक्तिगत आँकड़े]] देखें। -->
 
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[[श्रेणी:जीवित लोग]]
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[[श्रेणी:भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ]]
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[[श्रेणी:ओरिएंटल और अफ्रीकी अध्ययन के स्कूल के पूर्व छात्र]]
[[श्रेणी:1980 में जन्मे लोग]]
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[[श्रेणी:15वीं लोकसभा के सदस्य]]
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[[श्रेणी:१६वीं लोक सभा के सदस्य]]