"प्रेम नाथ डोगरा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:2410200915718239.jpg|right|thumb|300px|प्रेन नाथ डोगरा]]
'''प्रेम नाथ डोगरा''' (२४ अक्टूबर १८८४ - २० मार्च १९७२) भारत के एक राजनेता थे। उन्होने [[जम्मू तथा कश्मीर]] के [[भारत]] में पूर्ण एकीकरण के लिए बहुत कार्य किया। वे [[भारतीय जनसंघ]] के अध्यक्ष भी रहे। वे [[प्रजा परिषद्]] के पहले अध्यक्ष थे।
 
1949 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मुक्त कराने के लिए आन्दोलन हुआ। उस समय नारा था "जेल के दरवाजे खोल दो, पंडित जी को छोड़ दो।' प्रेमनाथ डोगरा जी [[जम्मू]]वासियों के लिए आज भी श्रद्धेय हैं। जम्मू के लोग मानते हैं कि प्रेमनाथ जी ने ही जम्मू को संरक्षण प्रदान किया। प्रेमनाथ जी राजा [[हरिसिंह]] के समय डी.सी. (विकास आयुक्त) थे। बाद में वे [[राष्ट्रीय स्वयम्सेवकस्वयंसेवक संघ]] के जम्मू के संघचालक बने और फिर प्रजा परिषद् के आन्दोलन से जुड़े। जम्मू के सभी आन्दोलन उनके मार्गदर्शन में हुए। 1972 तक वे जम्मू की राजनीति में प्रभावी रहे। 1972 में उनका देहान्त हुआ।
 
==इन्हें भी देखें==