"डोगरी भाषा": अवतरणों में अंतर

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== डोगरी की कुछ स्वर विषयक विशेषताएँ: ==
 
1*(१) डोगरी में शब्दों के आदि में य तथा ध्वनियाँ नहीं आतीं, इनके स्थान पर ज तथा व ध्वनियाँ उच्चरित होती है।
 
:(पंजाबी) वेहड़ा (आगण) - वेडा (डोगरी)
:यजमान (हिंदी) - जजमान (डोगरी)
:यश (हिंदी) - जस (डोगरी)
 
*(२) डोगरी में शब्दों के आदि में '''ह''' का उच्चारण हिंदी पंजाबी से सर्वथा भिन्न होता है।
यजमान (हिंदी) - जजमान (डोगरी)
 
*(३) डोगरी में वर्गों के चतुर्थ वर्णो के उच्चारण में तद्वर्गीय प्रथम अक्षर के साथ हल्की चढ़ती सुर जोड़ी जाती है।
यश (हिंदी) - जस (डोगरी)
 
*(४) ह जब शदों के मध्य में आता है। इसके डोगरी उच्चरण में चढ़ते सुर के स्थान पर उतरते सुर का प्रयोग होता है, जैसे:
2 डोगरी में शब्दों के आदि में '''ह''' का उच्चारण हिंदी पंजाबी से सर्वथा भिन्न होता है।
 
:'''हिंदी - डोगरी'''
3. डोगरी में वर्गों के चतुर्थ वर्णो के उच्चारण में तद्वर्गीय प्रथम अक्षर के साथ हल्की चढ़ती सुर जोड़ी जाती है।
 
:पहाड़ प्हाड़ - पा/ड़
4. ह जब शदों के मध्य में आता है। इसके डोगरी उच्चरण में चढ़ते सुर के स्थान पर उतरते सुर का प्रयोग होता है, जैसे:
:मोहर म्होर - मो/र
 
*(५) डोगरी के कुछ शब्दों के आदि में '''ङ''' तथा '''ञ''' का जैसे अनुनासिकों का विशुद्ध उच्चारण मिलता है, जैसे-
हिंदी डोगरी
 
:'''हिंदी - डोगरी'''
पहाड़ प्हाड़ - पा/ड़
 
:अंगार - ङार
मोहर म्होर - मो/र
:अंगूर - ङूर
:अञाणा (पंजाबी) - ञ्याणा
:ग्यारह - आरां
 
*(६) संस्कृत का '''र''' जो हिंदी में लुप्त हो जाता है, डोगरी में प्राय: सुरक्षित है।
5. डोगरी के कुछ शब्दों के आदि में '''ङ''' तथा '''ञ''' का जैसे अनुनासिकों का विशुद्ध उच्चारण मिलता है, जैसे-
 
:'''संस्कृत - हिंदी - डोगरी'''
:ग्राम - गाँव - ग्राँ
 
:क्षेत्र - खेत - खेतर
अंगार - ङार
:पत्र - पात - पत्तर
 
:स्त्री - तिय, तीमी (पं0) - त्रीम्त
अंगूर - ङूर
:मित्र - मीत - मित्तर
 
अञाणा (पंजाबी) - ञ्याणा
 
ग्यारह - आरां
 
6. संस्कृत का ''' र''' जो हिंदी में लुप्त हो जाता है, डोगरी में प्राय: सुरक्षित है।
 
संस्कृत - हिंदी - डोगरी
 
ग्राम - गाँव - ग्राँ
 
क्षेत्र - खेत - खेतर
 
पत्र - पात - पत्तर
 
स्त्री - तिय, तीमी (पं0) - त्रीम्त
 
मित्र - मीत - मित्तर
 
इसी प्रवृति के कारण कई रूपों में '''र''' का अतिरिक्त आगम भी हुआ है, जैसे-
 
:'''संस्कृत - हिंदी - डोगरी'''
:तीक्ष्ण - तीखा - त्रिक्खना
 
:दौड़ - द्रौड़
तीक्ष्ण - तीखा - त्रिक्खना
:पसीना - परसीना, परसा
 
:कोप - कोप - करोपी
- दौड़ - द्रौड़
:धिक् - चिक्कार - घ्रिग
 
पसीना - परसीना, परसा
 
कोप - कोप - करोपी
 
धिक् - चिक्कार - घ्रिग
 
7. डोगरी संश्लेषणात्मक भाषा है। इसी के प्रभाव से इसमें संक्षेपीकरण की असाधारण प्रवृति पाई जाती है। संश्लेषणात्मकता जैसे -
 
संस्कृत - हिंदी - डोगरी
 
अहम् - मैने - में
 
माम् - मुझको - में
 
माम् - मुझको - मिगी (ऊ मी)
 
अस्माभि: - हमने - असें
 
(हमारे द्वारा)
 
मह्मम् - मुझे मेरे - तै (गितै) (मेरे लेई पं0)
 
मत् - मुझसे मेरे - शा (मेरे कोलो-पं0)
 
मयि - मुझ में - मेरे च (मेरे निच-पं0)
 
संक्षेपीकरण- जैसे
 
हिंदी - पंजाबी - डोगरी
 
मुझसे नहीं आया जाता -मेरे थीं नई आया जांदा - मेरेशा नि नोंदा(औन हुन्दा)
 
खाया जाता - खान हुंदा - खनोंदा
 
8. डोगरी में कर्मवाच्य (तथा भाववाच्य) के क्रियारुपों की प्रवृति पाई जाती है:
 
खनोंदा - खाया जाता नोग तां - औन होग (पं0) ता
 
पनोंदा- पिया जाता पजोग - पुज्जन होग उ पहुँच सका तो सनोंदा - सोया जाता
 
*(७) डोगरी संश्लेषणात्मक भाषा है। इसी के प्रभाव से इसमें संक्षेपीकरण की असाधारण प्रवृति पाई जाती है। संश्लेषणात्मकता जैसे -
9. डोगरी में वर्णविशर्यय की प्रवृति भी असाधारण रुप से पाई जाती है:
 
:'''संस्कृत - हिंदी - डोगरी'''
उधार - दुआर
:अहम् - मैने - में
:माम् - मुझको - में
:माम् - मुझको - मिगी (ऊ मी)
:अस्माभि: - हमने - असें (हमारे द्वारा)
:मह्मम् - मुझे मेरे - तै (गितै) (मेरे लेई पं0)
:मत् - मुझसे मेरे - शा (मेरे कोलो-पं0)
:मयि - मुझ में - मेरे च (मेरे निच-पं0)
 
'''संक्षेपीकरण'''- जैसे
उजाड़ - जुआड़
 
:हिंदी - पंजाबी - डोगरी
ताम्र - तरामां
: मुझसे नहीं आया जाता -मेरे थीं नई आया जांदा - मेरेशा नि नोंदा(औन हुन्दा)
: खाया जाता - खान हुंदा - खनोंदा
 
*(८) डोगरी में कर्मवाच्य (तथा भाववाच्य) के क्रियारुपों की प्रवृति पाई जाती है:
कीचड़ - चिक्कड़ आदि
 
:खनोंदा - खाया जाता नोग तां - औन होग (पं0) ता
10. डोगरी में शब्दों के प्रारंभ के लघु स्वर का प्राय: लोप हो जाता है-
:पनोंदा- पिया जाता पजोग - पुज्जन होग उ पहुँच सका तो सनोंदा - सोया जाता
 
*(९) डोगरी में वर्णविशर्यय की प्रवृति भी असाधारण रुप से पाई जाती है:
अनाज - नाज
 
:उधार - दुआर
अखबार - खबर
:उजाड़ - जुआड़
:ताम्र - तरामां
:कीचड़ - चिक्कड़ आदि
 
*(१०) डोगरी में शब्दों के प्रारंभ के लघु स्वर का प्राय: लोप हो जाता है-
इजाजत - जाजत
 
:अनाज - नाज
एतराज - तराज
:अखबार - खबर
:इजाजत - जाजत
:एतराज - तराज
 
== डोगरी साहित्य ==