"वराहावतार": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन
पंक्ति 56:
 
हिरण्याक्ष के इन वचनों को सुन कर वाराह भगवान को बहुर क्रोध आया किन्तु पृथ्वी को वहाँ छोड़ कर युद्ध करना उन्होंने उचित नहीं समझा और उनके कटु वचनों को सहन करते हुये वे गजराज के समान शीघ्र ही जल के बाहर आ गये। उनका पीछा करते हुये हिरण्याक्ष भी बाहर आया और कहने लगा, "रे कायर! तुझे भागने में लज्जा नहीं आती? आकर मुझसे युद्ध कर।" पृथ्वी को जल पर उचित स्थान पर रखकर और अपना उचित आधार प्रदान कर भगवान वाराह दैत्य की ओर मुड़े और कहा, "अरे ग्राम सिंह (कुत्ते)! हम तो जंगली पशु हैं और तुम जैसे ग्राम सिंहों को ही ढूँढते रहते हैं। अब तेरी मृत्यु सिर पर नाच रही है।" उनके इन व्यंग वचनों को सुनकर हिरण्याक्ष उन पर झपट पड़ा। भगवान वाराह और हिरण्याक्ष मे मध्य भयंकर युद्ध हुआ और अन्त में हिरण्याक्ष का भगवान वाराह के हाथों वध हो गया।
 
[[File:Varaha Khajuraho.jpg|thumb|left|300px|पशु रूप में वाराह, [[खजुराहो]]।]]
 
भगवान वाराह के विजय प्राप्त करते ही ब्रह्मा जी सहित समस्त देवतागण आकाश से पुष्प वर्षा कर उनकी स्तुति करने लगे।<ref>[http://astrobix.com/hindumarg/23-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B9_%E0%A4%85%E0%A4%B5%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B0__Varaha_Avatar__Varaha_Jayanti_2013__Varaha_Jayanti_Festival.html वाराहावतार]</ref>
 
== [[भागवत]] पुराण के अनुसार ==
ब्रह्मा नें [[मनु]] और [[सतरूपा]] का निर्माण किया और सृष्टि करने की आज्ञा दी। इसके लिये भूमि की आवश्यकता होती है जिसे हिरण्याक्ष नामक दैत्य लेकर सागर के भीतर भू देवी को अपना तकिया बना कर सोया था तथा देवताओं के डर से विष्ठा का घेरा बना रखा था।
 
मनु सतरूपा को जल ही जल दिखा जिसके बारे में ब्रह्मा को बताया तब ब्रह्मा ने सोचा कि सभी देव तो विष्ठा के पास तक नहीं जाते, एक शूकर ही है जो विष्ठा के समीप जा सकता है। भगवान विष्णु का ध्यान किया और अपने नासिका से वाराह नारायण को जन्म दिया, पृथ्वी को ऊपर लाने की आज्ञा दी।
 
[[Image:Varaha-mahabalipuram.jpg|right|thumb|300px|भूमि देवी को लिये हुए भगवान वाराह का भित्ति चित्र।]]
 
वाराह भगवान समुद्र में उतरे और हिरण्याक्ष का संहार कर भू देवी को मुक्त किया।<ref>[http://v-k-s-c.blogspot.in/2008/03/vaaraah-avtaar-incarnation.html भागवत में।]</ref>
 
'''संदर्भ भागवत महापुराण पुस्तिका से।'''
 
== मन्त्र ==