"विकिपीडिया:चौपाल": अवतरणों में अंतर

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इनही का एक खाता [[सदस्य:aniruddhajnu]] है जैसा कि [[सदस्य:अनिरुद्ध#.E0.A4.B5.E0.A4.BF.E0.A4.95.E0.A4.BF.E0.A4.AA.E0.A5.80.E0.A4.A1.E0.A4.BF.E0.A4.AF.E0.A4.BE_.E0.A4.9C.E0.A5.80.E0.A4.B5.E0.A4.A8_:_.E0.A4.87.E0.A4.AB.E0.A5.8D.E0.A4.A4.E0.A4.A6.E0.A4.BE-.E0.A4.8F-.E0.A4.87.E0.A4.B6.E0.A5.8D.E0.A4.95_.E0.A4.B9.E0.A5.88|यहाँ]] कहा गया है: "...एक दिन यूँ ही विकिपीडिया के चौपाल पृष्ठ पर गया तो देखा कि कुछ सदस्य विकिया को ४0,000 आलेखों की संख्या तक पहुंचाने और इस तरह हिंदी दिवस मनाने की योजना बना रहे थे। जाहिर है कि ऐसे उत्सव में मेरा शामिल होना लाजिमि था। तबतक मैं विकिया के लेखों का प्रयोग अपने ज्ञान का संवर्धन करने में करने लगा था। मैने अनाम सदस्य रहते हुए बिना किसी को सूचना दिए इस यज्ञ में आहूति देनी शुरु की। तब तो जानता भी नहीं था कि यहाँ कोइ अनाम रह सकता है किंतु अदृस्य नहीं। फिर ५ सितंबर को सदस्य भी बन गया। और यह संपादन के निचे बार-बार आ रहे संदेश के कारण हुआ जो दिखा रहा था कि आपने लॉगइन नहीं किया है। सदस्य बनते ही कुछ लिंक लेखों के निचे आ गए और लेख का संपादन करते हुए नया सन्देश का नोटिस मिला। इसपर क्लिक करते ही मैं वार्ता पृष्ठ पर पहुंचा जिसपर तब की बेहद सक्रीय सदस्य मुनिता जी का संदेश था। प्रिय Aniruddhajnu, विकिपीडिया पर आपका स्वागत है! --Munita Prasadवार्ता १८:०१, ५ सितंबर २००९ (UTC)"
 
:::[[सदस्य:Sushilmishra|Sushilmishra]] जी के नाम से चल रहे खाते ने इसी JNU के प्रति घृणा / सन्देह इसी प्रष्ठ पर ऊपर प्रकट किया है: "...Haha ok so a warning to me to not to give suggestion as soon army of prof will decend on me from JNU and start a personalised attack on me, lets see now how many more old un-used id will get active now to start this attack." --[[सदस्य:Hindustanilanguage|मुज़म्मिल]] ([[सदस्य वार्ता:Hindustanilanguage|वार्ता]]) 13:16, 1 जून 2014 (UTC)