"हाइकु": अवतरणों में अंतर

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* बिंब समीपता ( juxtaposition of the images) हाइकु संरचना का मूल लक्षण है। इस से पाठक को रचना के भाव में अपने आप को सहिकारी बनाने की जगह मिल जाती है।
 
* हाइकु कविता तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। हिंदी हाइकु के लिए पहली पंक्ति में ५ अक्षर, दूसरी में ७ अक्षर और तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर, इस प्रकार कुल १७ अक्षर की कविता है। हाइकु अनेक भाषाओं में लिखे जाते हैं ;लेकिन वर्णों या पदों की गिनती का क्रम अलग-अलग होता है। तीन पंक्तियों का नियम सभी में अपनाया जाता है।
 
* ऋतुसूचक शब्द ( कीगो )- एक अच्छे हाइकु में ऋतुसूचक शब्द आना चाहिए। लेकिन सदा ऐसा हो, यह जरूरी नही। हाइकु, प्रकृति तथा प्राणिमात्र के प्रति प्रेम का भाव मन में जगाता है। अत: मानव की अन्त: प्रकॄति भी इसका विषय हो सकती है।
 
* हिन्दी में हाइकु लिखने की दिशा में बहुत तेजी आई है। लगभग सभी पत्र-पत्रिकाएँ हाइकु कविताएँ प्रकाशित कर रही हैं। [[आकाशवाणी]] दिल्ली तथा दूरदर्शन द्वारा हाइकु कविताओं को कविगोष्ठियों के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। लगभग ४०० (चार सौ) से अधिक हिन्दी [[ हाइकु संकलन ]] हिन्दी में प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी में संपूर्ण रूप से हाइकु पर आधारित एक अनियत कालीन पत्रिका [[हाइकु दर्पण]]<ref>हाइकु दर्पण, प्रकाशक- हाइकु दर्पण, बी-12 ए / 58 ए, धवलगिरि, सेक्टर-34, नोएडा-201301
</ref> है।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/हाइकु" से प्राप्त