"ईशनिंदा": अवतरणों में अंतर

ईश्वर या अन्य पवित्र व्यक्ति या वस्तु का अपमान करना या सम्मान करने से इंकार करना
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09:57, 6 जून 2014 का अवतरण

ईशनिंदा (Blasphemy) ईश्वर की श्रद्धा, धार्मिक अथवा पवित्र लोगों से सम्बंद्ध वस्तु अथवा धार्मिक रूप से अनुल्लंघनीय कार्य का अपमान अथवा अवमानना को कहते हैं। विभिन्न देशों में ईशनिंदा से सम्बंधित कानून भी बने हुये हैं जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पूजा करने की वस्तु या जगह को नुकसान या फिर धार्मिक सभा में व्यवधान डालता अथवा कोई किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान बोलकर या लिखकर या कुछ दृश्यों से करता है तो वो भी गैरक़ानूनी माना जाता है और इसके लिए निश्चित दण्ड का प्रावधान होता है।[1][2][3]

सन्दर्भ

  1. "क्या है विवादास्पद ईशनिंदा क़ानून ?". बीबीसी हिन्दी. २८ अगस्त २०१२. अभिगमन तिथि ६ जून २०१४.
  2. "हिंदू मंदिर पर हमला: ईशनिंदा का केस दर्ज". बीबीसी हिन्दी. १ अक्टूबर २०१२. अभिगमन तिथि ६ जून २०१४.
  3. युधिष्ठिर लाल कक्कड़ (१० अक्टूबर २००५). "शंका जताने से कम नहीं होती श्रद्धा". नवभारत टाइम्स. अभिगमन तिथि ६ जून २०१४.