"बहुव्यक्तित्व विकार": अवतरणों में अंतर

No edit summary
वर्तनी/व्याकरण सुधार
पंक्ति 16:
MeshID = D009105 |
}}
'''बहुआयामी विकार''' ([[अंग्रेज़ी]]:''मल्टीपल पर्सनालिटीपर्सनैलिटी डिसऑर्डर'') मुख्यत: किसी सदमे या बचपन में हुई किसी दुर्घटना के कारण होता है। जब लोग लंबे समय से सदमे से उबर नहीं पाते हैं, तो यह इस रोग का कारण बनता है। अकसरअक्सर लोग इस बीमारी को सिजोफ्रेनियासिज़ोफ्रेनिया से जोड़कर देखते हैं, किन्तु दोनों रोग पूरी तरह से अलग हैं। फिल्मफिल्मों और कहानियों में मल्टीपल पर्सनॉलिटीपर्सनैलिटी डिसऑर्डर के रोगियों को खूंखारखूँखार किस्म का दिखाया जाता है, जबकि वास्तविकता इससे पूरी तरह अलग होती है।
== लक्षण ==
मल्टीपल पर्सनालिटीपर्सनैलिटी डिसऑर्डर में लोगों को समय का ज्ञान नहीं होता है, उन्हें येयह एहसास तक नहीं होता है कि समय बीत चुका है। इसके अलावा इस बीमारी के प्रमुख लक्षण अवसाद, फोबिया, संशय में पड़ना, बैचेनी, आत्महत्या करने की इच्छा, नशे की लत आदि हैं। इसके अतिरिक्त रोगी अपनी त्वचा काट लेते हैं। उन्हें शरीर में तेज दर्द की शिकायत होती है, साथ ही इटिंगईटिंग डिसऑर्डर और सिरदर्द की समस्याएं रहती हैं।
== उपचार ==
मल्टीपल पर्सनालिटीपर्सनैलिटी डिसऑर्डर के इलाज की प्राथमिक चिकित्सा, थेरेपी है। इसके उपचार के लिए प्ले थेरेपी, टॉक थेरपी, हिप्नोसिस थेरेपी का प्रयोग होता है। सामान्यत: मनोचिकित्सकमनोःचिकित्सक इस रोग के इलाज के लिए औषधियांऔषधियाँ नहीं देते है।हैं। इलाज के दौरान ये प्रयास किया जाता है, कि व्यक्ति वास्तविक जीवन को सदमे से जोड़कर न देखें। थेरेपी एक लंबी प्रक्रिया है, ऐसे में इस बीमारी के इलाज में लंबा समय लग जाता है।
इसके प्रमुख लक्षण मूड में आ रहे उतार चढ़ाव को स्थिर करने के लिए मूड स्टेबेलाइज़र तकनीक का प्रयोग किया जाता है। मूड स्टेबलाइजरस्टेबलाइज़र का चयन करते वक्त व्यक्ति की उम्र, उसका वजन, डेमोग्राफिक प्रोफाइल, पारिवारिक हिस्ट्री, दवाई का प्रभाव और मेटाबोलिक, एंडोक्राइन और कार्डियोवॉस्कुलर प्रोफाइल देखा जाता है। खुराक की मात्र निश्चित करने से पहले व्यक्ति का मेडिकल प्रोफाइल जांचा जाता है। दवाई का प्रभाव जांचने के लिए व्यक्ति का ईसीजी, शुगर और थॉयरायड टेस्ट कराया जाता है। मूड को स्थिर रखने के लिए दो से तीन साल तक दवाई कीदी जाती है। तकरीबन आधा आराम शुरुआती छह महीनों में मिल जाता है। बाईपोलर डिसऑर्डर और थॉयरायड आपस में जुड़े होते हैं। वहीं अनियमित जीवनशैली भी इसके प्रभावों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार बन सकती है। ज्यादातर स्थितियों में इसके लक्षणों को पहचाना नहीं जाता है। नौकरी की व्यस्तता, कुंठाओं, वैवाहिक समस्याओं, हताशा, प्रॉपर्टी के झगड़ों और बच्चों से विवाद जैसी परेशानियों के कारण बाईपोलर डिसऑर्डर की समस्या पैदा हो सकती है। ध्यान रखें कि जीवन के प्रति नकारात्मक विचार भी इसके लिए उत्तरदायी हो सकते हैं।
 
== संदर्भ ==