"गिलगमेश": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
[[File:Gilgamesh की महाकाव्य; Siduri की सलाह.jpg|400px|thumb|Gilgamesh की महाकाव्य; Siduri की सलाह]]
गिलगमेश, संसार का प्राचीनतम वीरकाव्य होने के अतिरिक्त, मानव जाति की संभवत: प्रथम पुस्तक है। इसमें गिलगमेश नाम के उरूक के अति प्राचीन राजा के वीरोचित कार्यो का वृत्तांत संरक्षित है। उस परंपरा से ज्ञात होता है कि गिलगमेश ने उरूक पर कई साल तक घेरा डालकर उसे जीता था। पश्चात् वह वहीं निरंकुश होकर शासन करने लगा और तब देवताओं को बाध्य होकर एंकि-दू नाम के अर्धमानव अर्धपशु को उसके संहार के लिए भेजना पड़ा। गिलगमेश ने उसको जीतने के लिए एक आकर्षक नारी भेजी जिसने अपने कल छल से उसे जीत लिया। उस नारी से प्रभावित होकर वह गिलगमेश के दरबार में आया और दोनों मित्र हो गए। फिर दोनों ने एक साथ अनेक नगरों की विजय की और एक भयानक दैत्य की खोज में रेगिस्तान, बीहड़ और जंगल पार करते हुए वे उत्तर पश्चिम गए जहां उस दैत्य का संहार कर उन्होंने उसका गढ़ जीत लिया।