"मनमोहन सरल": अवतरणों में अंतर

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शिक्षा : एम.ए., बी.एससी., एलएल.बी.
 
कार्यक्षेत्र : संपादन, अध्यापन व लेखन। पहली कहानी 1949 में छपी और पहला कहानी संग्रह 'प्यास एक : रूप दो' 1959 में छपा और चर्चित हुआ। 1958 में महानंद मिशन कालेज, गाज़ियाबाद में प्राध्यापक से कार्यजीवन का प्रारंभ। 1961 में भारत के सर्वश्रेष्ठ और बहुचर्चित [[साप्ताहिक]] '[[धर्मयुग]]' के गरिमामय काल में सहायक संपादक पद सँभाला और '89 तक इसी पद पर बने रहे। 1989 से '93 तक हिंदी [[फिल्मफेअर]] का कार्यभार संभाला। 1993 से '95 तक [[नवभारत टाइम्स]] में सह संपादक रहे और फिर सांध्यकालीन '[[दैनिक दोपहर]]' के संपादक रहे। इस बीच देश भर के प्राय: सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ छपती रहीं। कुछेक किताबें प्रकाशित हुईं जिनमें से कुछ पर पुरस्कार सम्मान भी मिले। हिंदी के प्रतिनिधि साहित्य को समर्पित कई संकलन संपादित किए।
 
लगभग चार दशक से कला विषयक लेखन। पत्र-पत्रिकाओं में नियमित स्तंभ। ललित कला अकादमी की मानद सदस्यता। [[राजस्थान ललित कला अकादमी]], [[भारत भवन- भोपाल]], [[उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी]], राष्ट्रीय गैलरी, मोहिले सेंटर-मुंबई आदि में आयोजित कला संबंधी सेमिनारों-आयोजनों में सक्रिय भागीदारी, ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित कला प्रतियोगिताओं की निर्णायक समिति की मानद सदस्यता, राष्ट्रीय गैलरी, मुंबई की वार्षिक प्रदर्शनी के क्यूरेटर आदि। [[हुसेन]], [[रज़ा]], [[जहांगीर सबावाला]], [[तैयब मेहता]] जैसा वरिष्ठ चित्रकारों से लेकर [[सुजाता बजाज]] जैसे युवा चित्रकारों के साक्षात्कारों का संकलन 'कला क्षेत्रे' प्रकाशित और चर्चित। देश-विदेश की अनेक यात्राएँ, जिनमें सम्मिलित हैं पूर्वी यूरोप से लेकर पश्चिमी यूरोप के बहुत से देश, स्केंडिनेवियाई देश तथा [[रूस]], [[अमेरिका]] व [[कनाडा]]।