"जम्मू-बारामूला रेलमार्ग": अवतरणों में अंतर
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== प्रगति ==
{{Kashmir Railway}}
कश्मीर रेलवे के आरंभ हो जाने से जम्मू तवी रेलवे स्टेशन का महत्त्व दोहरा हो गया है। [[कश्मीर घाटी]] को जाने वाली सभी रेलगाड़ियां इस स्टेशन से होकर ही जाती हैं। कश्मीर घाटी रेलवे परियोजन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसका ट्रैक [[उधमपुर रेलवे स्टेशन|उधमपुर]] तक पहुंच चुका है। जम्मू तवी की कई गाड़ियां उधमपुर तक विस्तृत की जा चुकी है और आगे [[कटरा]] तक विस्तार की
इस रेल कड़ी के साथ पीर-पंजाल रेल सुरंग का उद्घाटन २३ जून, २०१३ को हुआ था। इस कड़ी के द्वारा बनिहाल और काज़ीगुंड के बीच की दूरी १७ कि.मी कम हो गई है। यह सुरंग भारत में सबसे लंबी<ref name=pib/> और एशिया की तीसरी लंबी रेलवे सुरंग है। इस सुरंग का निर्माण समुद्र सतह से ५७७० फ़ीट (१७६० मी.) की औसत ऊंचाई पर और वर्तमान सड़क मार्ग की सुरंग से १४४० फ़ीट (४४० मी.) नीचे हुआ है। इसका निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने [[इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड|इरकॉन]] के [[उधमपुर रेलवे स्टेशन|उधमपुर]]-[[श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर|श्रीनगर]]-[[बारामुला]] रेल लिंक परियोजना के एक भाग के लिये किया है। इस रेल कड़ी के तैयार हो जाने से यातायात में काफ़ी सुविधा हो गयी है,विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब भीषण ठंड और [[हिमपात]] के कारण [[राष्ट्रीय राजमार्ग १अ|जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग]] की सुरंग कई बार बंद करनी पड़ जाती है। २०१८ तक इस परियोजना की उधमपुर-बनिहाल कड़ी भी पूरी हो जायेगी और पूरा जम्मू-श्रीनगर मार्ग रेल-मार्ग द्वारा सुलभ हो जायेगा। तब तक लोगों को बनिहाल तक सड़क द्वारा जाना पड़ता है और वहां से श्रीनगर की रेल मिलती है।
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