"विद्याधर चक्रवर्ती": अवतरणों में अंतर

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==परिवार==
इतिहास से ज्ञात होता है एक पुत्र मुरलीधर के अलावा विद्याधर के दो पुत्रियाँ भी थीं- मायादेवी और कम्यादेवी. मायादेवी ने त्रिपोलिया के बाहर 'चौड़े-रास्ते' में प्रसिद्ध शिवालय 'ताड़केश्वरजी मंदिर' की प्रतिष्ठा करवाई और यों अपने पिता की स्मृति को चिरस्थाई बनाया, वहीं आमेर के 'बकाण के कुँए' के पास एक और शिव-मंदिर भी ( संभवतः अपने पिता की याद में (?) निर्मित करवाया. इन्हीं मायादेवी के पुत्र ''हरिहर चक्रवर्ती'' की [[महाराजा ईश्वरीसिंह]] के शासन में 'देश-दीवान' के मंत्री-पद पर नियुक्ति की गयी.<ref> 4.'जयपुर-दर्शन' प्रकाशक : प्रधान-सम्पादक : [डॉ. प्रभुदयाल शर्मा 'सहृदय'नाट्याचार्य] वर्ष 1978 [पेज 210] प्रकाशक : जयपुर अढाई शती समारोह समिति, नगर विकास व्यास (अब जयपुर विकास प्राधिकरण) परिसर, भवानी सिंह मार्ग, जयपुर,</ref>
 
==विद्याधर के पूर्वज और मथुरा के राजा कंस की शिला==