"नवीकरणीय संसाधन": अवतरणों में अंतर

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[[File:Latex - Hevea - Cameroun.JPG|thumb|right|300px| प्राकृतिक रबर]]
'''नवीकरणीय संसाधन''' अथवा '''नव्य संसाधन''' वे [[संसाधन]] हैं जिनके भण्डार में प्राकृतिक/पारिस्थितिक प्रक्रियाओं द्वारा पुनर्स्थापन (replenishment) होता रहता है। हालाँकि मानव द्वारा ऐसे संसाधनों का दोहन (उपयोग) अगर उनके पुनर्स्थापन की दर से अधिक तेजी से हो तो फिर ये नवीकरणीय संसाधन नहीं रह जाते और इनका क्षय होने लगता है।
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जैसा कि सभी नवीकरणीय संसाधनों के साथ है, वनों से उपज लेने की एक सीमा है। लकड़ी या पत्तों की एक निश्चित मात्रा निकाल लेने पर उसकी प्राकृतिक रूप से समय के साथ पुनः भरपाई हो जाती है। यह मात्रा सम्पोषणीय उपज कहलाती है। किन्तु यदि एक सीमा से ज्यादा दोहन हो और समय के सापेक्ष बहुत तेजी से हो तो वनों का क्षय होने लगता है और तब इनका दोहन सम्पोषणीय नहीं रह जाता और ये नवीकरणीय संसाधन भी नहीं रह जाते।
 
विश्व में और भारत में भी जिस तेजी से वनों का दोहन हो रहा है और वनावरण घट रहा है, इन्हें सभी जगह नवीकरणीय की श्रेणी में रखना उचित नहीं प्रतीत होता। वन अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर वन संसाधन पर जारी आंकड़ों में [[खाद्य एवं कृषि संगठन]] (एफ॰ए॰ओ॰) के अनुसार वैश्विक स्तर पर वनों के क्षेत्रफल में निंरतर गिरावट जारी है और विश्व का वनों वाला क्षेत्र वर्ष 1990 से 2010 के बीच प्रतिवर्ष 53 लाख हेक्टेयर की दर से घटा है।<ref> [http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=84206 वैश्विक वन क्षेत्र में निरंतर गिरावट जारी: एफ॰ए॰ओ॰], बिजनेस स्टैण्डर्ड </ref> इसमें यह भी कहा गया है कि [[उष्णकटिबंधीय वन|उष्णकटिबंधीय वनों]] में सर्वाधिक नुकसान [[दक्षिण अमेरिका]] और [[अफ्रीका]] में हुआ है।
 
मौजूदा आंकलनों के अनुसार भारत में वन और वृक्ष क्षेत्र 78.29 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के भैगोलिक क्षेत्र का 23.81 प्रतिशत है। 2009 के आंकलनों की तुलना में, व्याख्यात्मक बदलावों को ध्यान में रखने के पश्चात देश के वन क्षेत्र में 367 वर्ग कि.मी. की कमी दर्ज की गई है।<ref>[http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=13588 वन स्थिति रिपोर्ट २०११], पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार </ref>
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==मत्स्यन==
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==धारणीय कृषि==
[[File:Polyculture.JPG|thumb|right|300px| आंध्र प्रदेश में बहुफसली कृषि (पालीकल्चर)]]
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==नवीकरणीय ऊर्जा==
{{मुख्य|अक्षय उर्जा}}