"वराहावतार": अवतरणों में अंतर
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== हिरण्याक्ष वध ==
जय और विजय बैकुण्ठ से गिर कर दिति के गर्भ में आ गये। कुछ काल के पश्चात् दिति के गर्भ से दो पुत्र उत्पन्न हुये जिनका नाम प्रजापति कश्यप ने [[हिरण्यकशिपु|हिरण्यकश्यपु]] और [[हिरण्याक्ष]] रखा। इन दोनों
[[File:MND(2)31.jpg|thumb|upright|300px|अपनी कोहनी पर भू देवी को उठाए हुए जल से बाहर आ रहे तथा सर्प पर खड़े वाराह भगवान का शिलाचित्र, [[दिल्ली संग्रहालय]] में।]]
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