"दक्षिणहस्त नियम": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rechte-hand-regel.jpg|right|thumb|200px|'''दक्षिणहस्त नियम''': सदिश '''a''' और '''b''' के सदिश गुणनफल की दिशा '''c''' की तरफ होगी। अर्थात सदिश गुणा किये जा रहे दो सदिश प्रथम दो अंगुलियों की दिशा में हों तो उनका गुननफल तीसरी अंगुली (मध्यमा) की दिशा में होगा।]]
[[चित्र:Manoderecha.svg|right|thumb|200px|'''दाहिने हाथ की मुट्ठी का नियम''' : यदि अंगुठा तार में बहने वाली धारा की दिशा में रखें तो मुड़ी हुई अंगुलियाँ धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा बताती हैं।]]