"महात्मा रामचन्द्र वीर": अवतरणों में अंतर

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== स्वाधीनता संग्राम में जेल ==
युवावस्था में महाराज जी पंडित रामचन्द्र शर्मा, वीर जी के नाम से पूरे देश में विख्यात थे. इन्होंने [[कोलकाता]] और [[लाहौर]] के कांग्रेस अधिवेशनों में भाग लेकर स्वाधीनता के संग्राम में सक्रिय रहने का संकल्प लिया. सन 1932 में इन्होंने [[अजमेर]] के चीफ़ कमिश्नर की उपस्थिति में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध ओजस्वी भाषण देकर अपनी निर्भीकता का परिचय दिया. परिणामस्वरुप इन्हें ६ माह के लिए जेल भेज दिया गया. रतलाम और महू में इनके ओजपूर्ण भाषणों के कारण [[ब्रिटिश प्रशासन]] कांप उठा था।
 
== गोभक्ति की प्रेरणा ==