"अनुराधा पौडवाल": अवतरणों में अंतर

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'''अनुराधा पौडवाल''' [[हिन्दी सिनेमा]] की एक प्रमुख [[पार्श्वगायिका]] हैं। इन्होंने फिल्म कैरियर की शुरुआत की फ़िल्म [[अभिमान (1973 फ़िल्म)|अभिमान]] से, जिसमें इन्होंने [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]] के लिए एक श्लोक गाया।
अनुराधा पौडवाल नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है अनुराधा जी का जनम २७ अक्टूबर १९५४ को महारास्ट्र के एक ब्राम्हण परिवार में हुआ था बचपन से ही इनको संगीत में काफी रूचि थी,जब यह ४ बरस की थी तब पहला स्टेज प्रोग्राम दिया था ,इनके पिता इनको प्रोफेसर बनाना चाहते थे , लेकिन इनकी रूचि संगीत की तरफ देख कर इनकी माँ ने इनको संगीत प्रशिक्षण दिलवाया , संगीत में इनके गुरु श्री पंडिज जसराज ,पंडित राम नारायण जी थे , उन्होंने उसी वक़्त बता दिया था की अनुराधा भारत देश कीमहान कलाकार बनेगी जो की पूरे संसार में अपना लोहा मनवाएगी.अनुराधा अपनी चार बहिनों में सबसे छोटी होने के बाबजूद भी सबसे धार्मिक और सबसे लगन सील थी,
 
ईश्वर के प्रति अपार आस्था होने का सबसे बड़ा उदाहरण है की एक बार अनुराधा जी को निमोनिया हो गया ,जन उनकी उम्र १२ बरस की थी , सबने सोच लिया वो नहीं बचेगी ,उनकी आवाज़ ख़राब होती जा रही थी , पर उन्होंने बीमार अवस्था में ही श्री मद भगवत गीता का गायन किया , और फिर उनकी हालत सुधरने लगी और परिणाम आप सभी के सामने है ,
सन २००० की घटना तो आप सभी को मालूम ही होगी वो राजस्थान में एक नव चंडी यज्ञ में भाग लेने हेलि कॉप्टर से जा रही थी परन्तु जमीन से १५० फिट ऊपर से तकनीकी खराबी के कारन हेली कॉप्टर जमीन पर गिर गया , सभी घायल हुए , परन्तु अनुराधा जी को खरोंच भी नहीं आई , उन्होंने एक इंटरव्यू में भी कहा था की उस वक़्त उनको ऐसा लगा जैसे उनको किसी ने अपनी हंथेली पर बिठा लिया हो ,यह इश्वर के प्रति उनकी अपार आस्था है ,
अनुराधा जी ने ना केवल फिल्मो में बल्कि देश की भिभिन्न संस्कृति में भी अपनी आवाज़ दी है , गायन में कई प्रयोग किये है , फिल्म में उन्होंने २०००० के आस पास गाने गाये, जिसके लिए उनको कई अवार्ड मिले , लोकप्रियता का ऐसा आलम कभी भी किसी कलाकार का नहीं देखा गया की फिल्म के कबर पेज और केसेट के कवर पेज पर उनकी फोटो छपने लगी लगातार अनेक सुपर हित फिल्मो का श्रेय अनुराधा जी को मिलने लगा ,यहाँ तक थियेटर में भी उनके फोटो देख कर लोग फिल्म देखने जाने लगे , हर जगह चाहे बह फिल्म हो , गजल हो ,भक्ति संगीत हो ,संस्कृत हो , हर जगह अनुराधा जी की ही आवाज़ गूंजने लगी , ऐसा लगता था की पूरा देश अनुराधामय हो गया हो , गली गली अनुराधा जी की आवाज़ सुनाई देने लगी ,
अनुराधा जी ने देश के सभी बड़े कलाकारों के साथ सांगत की , चाहे बह पंडित जसराज हो , या गुलाम अली जी , एक आलम ऐसा भी था जब नुसरत फ़तेह अली साहब पाकिस्तान से यह इच्छा लिए भारत आये थे की भारत की दो महँ कलाकार अनुराधा जी और लता जी से अपने संगीत में गवाए , यह इच्छा की पूर्ती उनकी और प्यार हो गया फिल्म में पूरी हुई , संगीत कर ओ.पी. नैयर ने तो यहाँ तक कह दिया था की अनुराधा के आने से लता चली गयी ,संगीतकार नदीम सरवन ने एक बार कहा था की मैं तो सोच नहीं पाता की एक इंसान में इतना आत्मविश्वास और लगन कैसे हो सकता है जी जहा पर और सिंगर को एक गाना गाने में ८ से १० घंटे लगते है और अनुराधा जी केवल २ घंटे में अपना गाकर चली जाती है ,
भक्ति संगीत में तो उनका कोई मुकाबला ही नहीं कर सकता , उनके भजन सुन कर कई घरो में आज सुबह होती है , हरी की पोड़ी हरिद्वार में आज भी उनकी गाई गंगा आरती से ही आरती की जाती है , गायत्री मंत्र अनुराधा जी की ही देन है नहीं तो गायत्री मंत्र आज हम सुन नहीं पाते केवल पड़ पाते ,संस्कृत में तमाम ग्रन्थ उन्होंने गए जैसे श्री मद भगवत गीता , सभी देबी देवताओ के स्त्रोत्र ,भक्ताम्बर स्त्रोत्र, दुर्गा सप्तसती ,सभी देवी देवताओ को अमृतबनिया, राम चरित मानस , हर जगह वो बेजोड़ है , सभी महान कबियो को उन्होंने गाया जैसे सूरदास ,मीरा ,तुलसी,रसखान को गाया ,भजन के करीब १००० अल्बम के ऊपर उन्होंने अपनी आवाज़ दी है ,हिन्दू धर्म के अलाबा सभी सभुदाय को उन्होंने गाया जैसे सबद गायन ,आदि , संस्कृत सुनकर ऐसा लागता है जैसे उनकी मात्रभासा हो ,
गजल गायकी में भी अनुराधा जी बेजोड़ है , जगजीत सिंह और गुलाम अली जी भी उनकी तारीफ किये बिना नहीं रह सके और कहा की अनुराधा जैसे कलाकार कई युगों में एक पैदा होता है ,
==सन्दर्भ==
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