"नंदगाँव, मथुरा": अवतरणों में अंतर

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footnotes = एक प्राचीन ब्रजधाम |
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'''नंदगांव''' [[उत्तर प्रदेश ]] राज्य के [[मथुरा जिले]] जिले में प्रसिद्ध पौराणिक ग्राम [[बरसाना]] से 8.5 कि.मी. उत्तर में और जिला मुख्यालय [[मथुरा]] से 56 कि.मी. की दूरी पर एक छोटा सा नगर है। यह नंदीश्वर नामक सुन्दर पहाड़ी पर बसा हुआ है। यह कृष्ण भक्तों के प्रमुख धार्मिक स्थलों मे से एक है। किंवदंती के अनुसार यह गांव भगवान कृष्ण के पिता [[नंदराय]] द्वारा एक पहाड़ी पर बसाया गया था। इसी कारण इस स्थान का नाम [[नंदगांव]] पड़ा। [[गोकुल]] को छोड़ कर [[नंदबाबा]] [[श्रीकृष्ण]] और गोप ग्वालों को लेकर [[नंदगाँव]] आ गए थे।
 
== भूगोल ==
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==जनसँख्या आदि==
2001 की जनगणना के अनुसार नंदगाँव की कुल आबादी 9956 है| इस जनसँख्या में ५४ प्रतिशत पुरुष और ४६ प्रतिशत आबादी स्त्रियों की है| यहाँ की साक्षरता ४६ प्रतिशत है जो राष्ट्रीय दर ५४ प्रतिशत से कहीं कम है| पुरुष साक्षरता 59%, और स्त्री साक्षरता 29% है| नंदगांव की १९ प्रतिशत आबादी ६ वर्ष से कम आयु के बच्चों की है|[http://web.archive.org/web/20040616075334/http://www.censusindia.net/results/town.php?stad=A&state5=999]
 
 
 
== प्रमुख आकर्षण ==
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=== नंद भवन ===
नंद भवन के अंदरमं भगवान कृष्ण की काले रंग के ग्रेनाइट में उत्कीर्ण प्रतिमा है। उन्ही के साथ नंदबाबा, यशोदा, बलराम और उनकी माता रोहिणी की मूर्तियां भी है।
 
=== नंदीश्वर मंदिर ===
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=== नरसिंह और वराह मंदिर ===
यह मंदिर भी नंदीश्वर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह मंदिर पावन सरोवर के विपरीत दिशा में है। नंदराय इसी मंदिर मेमें [[नृसिंह]] | [[नरसिंह]] और [[वराह]] भगवान की पूजा किया करते थे। नंदराय को वराह और नरसिंह भगवान की पूजा करने की सलाह गर्ग मुनि[[गर्गाचार्य]] ने दी थी।
 
=== यशोदा कुण्ड ===