"मानयोशू": अवतरणों में अंतर

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'''मान्योशू''', [[जापान]] का सबसे पुराना [[काव्य]] [[संकलन]] है, जिसको [[७५९ ईसा पूर्व]] में नारा काल में संग्रहीत किया गया था। इस ग्रन्थ में [[जापान]] के कई महान [[कवि|कवियों]] की रचनाओं का समावेश है।<ref>Uemura, Etsuko 1981 (24th edition, 2010). ''Man'yōshū-nyūmon'' p.17. Tokyo: Kōdansha Gakujutsu Bunko.</ref>.
 
मान्योशू जिसका शाब्दिक अर्थ है दस हजार पत्तों का संगहसंग्रह (Collection of Ten Thousand Leaves) या असंख्य पत्तों का संग्रह।
मान्योशू जापानी का सबसे पहला कविता-संकलन है। इसमें तीसरी या चौथी शताब्दी से आठवीं शताब्दी तक के लगभग २६० कवियों की ४५१५ कविताओं को संकलित किया गया है। मान्योशू की अधिकतर कविताएँ गीत-मुक्तक शैली में हैं।<ref>जापानी कविताएँ, अनुवाद- [[सत्यभूषण वर्मा]], सीमान्त पब्लिकेशंस इंडिया, 65/1 हिन्दुस्थान पार्क, कलकत्ता-700029, 1977, पृष्ठ-२ </ref><br /> मान्योशू में शैली की दृष्टि से तीन प्रकार की कविताएँ मिलती हैं- [[चोका]], [[सेदोका]] और [[ताँका]]।<br />
 
* चोका लम्बी कविताएँ हैं। मान्योशू में २६२ चोका कविताएँ हैं