"कलिल": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
कलिल के लिए अँग्रेजी में '''कॉलायड''' (colloid) शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह शब्द ग्रीक भाषा के कोला शब्द से बना है जिसका अर्थ सरेस होता है। सन्‌ १८६१ ई. में एक अँग्रेज वैज्ञानिक, टामस ग्राहम, ने देखा कि ऐल्ब्यूमिन, सरेस, गोंद, माँड़, सिलिसिक अम्ल और इसी प्रकार के अन्य पदार्थ जल में घोले जाने पर जैव झिल्ली के छिद्रों से छनकर नहीं निकल पाते। इसके विपरीत शर्करा, यूरिया, सोडियम, क्लोराइड इत्यादि के जलविलयन जैव झिल्ली के छिद्रों से निकल जाते हैं। पूर्व प्रकार के पदार्थ अधिकांश में अमणिभीय रूप में मिलते हैं इस गुण के आधार पर जल में विलेय पदार्थो का दो वर्गों में विभाजन किया गया: एक वे पदार्थ, जो मणिभीय थे और जल में विलयन के पश्चात्‌ जैव झिल्ली के छिद्रों से बहिर्गत हो सकते थे, क्रिस्टलॉयड (crystalloid) कहलाए, और दूसरे वे, जो अमणिभीय थे और जल में घोलने पर जैव झिल्ली के छिद्रों से निकलने में समर्थ नहीं हो सकते थे, कलिल कहलाए। किंतु अब यह सिद्ध हो गया कि शर्करा और सोडियम क्लोराइड आदि मणिभीय पदार्थ भी उपयुक्त माध्यम में कलिल के रूप में प्राप्त किए जा सकते हैं।
कोलाइड या कलिल परिभाषा->ऐसे पदार्थ जो विलयन मे उपस्थित रहने पर चर्म-पत्र से धीमी गति से विसरित होते थे या विसरित नहि होते थे। ये पदार्थ गोँद के समान होने के कारण कोलाँइड कहलाए।
 
कलिल के लिए अँग्रेजी में '''कॉलायड''' (colloid) शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह शब्द ग्रीक भाषा के कोला शब्द से बना है जिसका अर्थ सरेस होता है। सन्‌ १८६१ ई. में एक अँग्रेज वैज्ञानिक, टामस ग्राहम, ने देखा कि ऐल्ब्यूमिन, सरेस, गोंद, माँड़, सिलिसिक अम्ल और इसी प्रकार के अन्य पदार्थ जल में घोले जाने पर जैव झिल्ली के छिद्रों से छनकर नहीं निकल पाते। इसके विपरीत शर्करा, यूरिया, सोडियम, क्लोराइड इत्यादि के जलविलयन जैव झिल्ली के छिद्रों से निकल जाते हैं। पूर्व प्रकार के पदार्थ अधिकांश में अमणिभीय रूप में मिलते हैं इस गुण के आधार पर जल में विलेय पदार्थो का दो वर्गों में विभाजन किया गया: एक वे पदार्थ, जो मणिभीय थे और जल में विलयन के पश्चात्‌ जैव झिल्ली के छिद्रों से बहिर्गत हो सकते थे, क्रिस्टलॉयड (crystalloid) कहलाए, और दूसरे वे, जो अमणिभीय थे और जल में घोलने पर जैव झिल्ली के छिद्रों से निकलने में समर्थ नहीं हो सकते थे, कलिल कहलाए। किंतु अब यह सिद्ध हो गया कि शर्करा और सोडियम क्लोराइड आदि मणिभीय पदार्थ भी उपयुक्त माध्यम में कलिल के रूप में प्राप्त किए जा सकते हैं।
 
कलिलावस्था में कलिल कण एक अविच्छिन्न माध्यम में बिखरे रहते हैं। इस प्रकार कलिलों में दो संघटक रहते हैं। नीचे की सूची में पहला नाम माध्यम का और दूसरा नाम वितरित पदार्थ का है :
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कलिल" से प्राप्त