"मृच्छकटिकम्": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Raja Ravi Varma, Vasanthasena (Oleographic print).jpg|right|thumb|
'''मृच्छकटिकम्''' (अर्थात्, मिट्टी की गाड़ी) [[संस्कृत]] [[नाटक|नाट्य साहित्य]] में सबसे अधिक लोकप्रिय [[रूपक]] है। इसमें 10 अंक है। इसके रचनाकार महाराज [[शूद्रक]] हैं। नाटक की पृष्टभूमि [[पाटलिपुत्र]] (आधुनिक [[पटना]]) है। [[भरत मुनि|भरत]] के अनुसार दस रूपों में से यह 'मिश्र प्रकरण' का सर्वोत्तम निदर्शन है। ‘मृच्छकटिकम’ नाटक इसका प्रमाण है कि अंतिम आदमी को साहित्य में जगह देने की परम्परा भारत को विरासत में मिली है जहाँ चोर, गणिका, गरीब ब्राह्मण, दासी, नाई जैसे लोग दुष्ट राजा की सत्ता पलट कर गणराज्य स्थापित कर अंतिम आदमी से नायकत्व को प्राप्त होते हैं।
|