"लाहौल और स्पीति जिला": अवतरणों में अंतर

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''' लाहौल और स्पीति''' भारतीय राज्य [[हिमाचल प्रदेश]] का एक [[जिला]] है। जिले का मुख्यालय लाहौल और स्पीति[[केलांग]] है। हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व जिलों लाहौल और स्पीति के विलयोपरांत, अब लाहौल और स्पीति एक जिला है। जिले का मुख्यालय किलौंग, लाहौल में स्थित है। विलय के पूर्व लाहौल का मुख्यालय करदंग और स्पीति का मुख्यालय दनकर था।
 
'''क्षेत्रफल''' - 12210 वर्ग कि.मी.
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== भूगोल ==
 
लाहौल और स्पीति अपनी ऊंची पर्वतमाला के कारण शेष दुनिया से कटा हुआ है। [[रोहतांग दर्रा]] 3,978 मी की ऊंचाई पर लाहौल और स्पीति को [[कुल्लू घाटी]] से पृथक् करता है। जिले़ की पूर्वी सीमा [[तिब्बत]] से मिलती है, उत्तर में [[लद्दाख]] भू-भाग (जम्मू और कश्मीर में स्थित) और [[किन्नौर]] एवं [[कुल्लू]] दक्षिण सीमा में हैं।
 
== यातायात ==
[[चित्र:Mountain peaks, Lahul.jpg|thumb|250px|right]]
 
लाहौल [[अवधाव]] एवं [[भूस्खलन]] के लिए प्रसिद्ध है, और इस कारण कई यात्री इस रास्ते से गुजरते हुए मारे गए हैं। अपनी स्थानीय महत्वता के कारण यहां बनी नई पक्की सड़क को मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है जो कि लद्दाख तक जाती है। रोहतांग दर्रे के नीचे एक सुरंग बनाई जा रही है जिसकी २०१२ तक पूरी होने की आशा है। हर साल, [[आलू]] एवं [[मटर]], जो कि अब यहां की प्रमुख फसल है, बड़ी तादाद में रोहतांग दर्रे के रास्ते [[मनाली]] भेजी जाती है।
 
स्पीति से दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के लिए और भी दर्रे हैं किन्तु वो अब भारत एवं तिब्बत के मध्य बन्द सीमा के कारण बन्द कर दिए गए हैं। यहां से एक सड़क पश्चिम को जम्मु[[जम्मू]] की तरफ़ [[किश्तवाड़]] से गुजरती है।
 
कुन्जोम[[कुन्जम दर्रा]] (४५५० मी• ऊंचाई पर स्थित) लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से अलग करता है। एक सड़क लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से जोड़ती है किन्तु सर्दियों एवं वसंत ऋतु में भारी हिमपात के कारण यह रास्ता बंद हो जाता है।
 
गर्मियों में मनाली से स्पीति के मुख्यालय, काजा़ तक के बीच बसें व टॅक्सियांटैक्सियां चलती हैं। कुन्जोम दर्रा जुलाई से अक्टूबर तक यातायात के लिए खुला रहता है। [[शिमला]] से स्पीति तक [[किन्नौर]] से होते हुए एक सड़क है।
 
== मौसम ==
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[[चित्र:India-stupa above ki gompa.jpg|thumb|left|180px|Stupa above Ki Gompa and the Spiti River]]
 
अपनी ऊंचाई के कारण लाहौल और स्पीति में सर्दियों में बहुत ठंड होती है। गर्मियों में मौसम बहुत सुहावना होता है। शीतकाल में ठंड के कारण यहां बिजली व यातायात की बेहद कमी हो जाती है जिस कारण यहां पर्यटन में भारी कमी हो जाती है। हालांकि स्पीति पूरे साल शिमला से काज़ा [[राष्ट्रीय राजमार्ग 22| पुराने भारत-तिब्ब्त के रास्ते]] से अभिगम्य होता है। उधर लाहौल जून तक अभिगम्य नहीं होता परन्तु दिसम्बर से अप्रैल के बीच साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।
 
स्पीति की अत्याधिक शीत के कारण यहां टुन्ड्रा पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते और सारा इलाका बंजर रहता है। स्पीति की सबसे निचली घाटी में गर्मियों में भी तापमान २० डिग्री के उपर नहीं पहुंचता।
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== वनस्पति ==
 
लाहौल की कठिन परिस्थितियों के कारण केवल कुछ कडी़कड़ी घास एवं झाड़ियां ही यहाँ उग पाती हैं, वो भी ४००० मीटर के नीचे। ५००० मीटर के उपर हिमनद रेखाएं पाई जाती
 
==लाहुल स्पीती के महतवपूर्णमहत्वपूर्ण स्थान==
 
===कुंजुम पास ===
 
कुंजुम पास इस जिले का एक महत्वपूर्ण स्थान है.है। इस पास के द्वारा स्पीती घटीघाटी में दाखिल होया जाता है.है। कुंजुम पास का नाम यहाँ पर कुंजुम माता के नाम पर पड़ा है.है। यह मन जाता है की जिसका मन सच्चा होता है माता उसका हाथ से चीपकाचिपका हुआ सिक्का माता की मुर्ति में चिपक जाता है.है। अतः इसकी कारनकारण यहाँ पर श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकर्तप्रकट करने क लिए माता की मूर्ति पर सीकेसिक्के चिपकाने का प्रयास करते हैं.हैं। कुंजुम पास kके पास [[चन्द्र ताल]] है जोकि रशित्र्यराष्ट्रीय राजमार्ग २२22 पर स्थित है.है।
 
== बाहरी कड़ियां ==