"प्राणचंद चौहान": अवतरणों में अंतर

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'''प्राणचंद चौहान''' [[भक्तिकाल]] के [[कवि]] थे। वे रामायण महानाटक के रचयिता । इनके व्यक्तित्व पर पर्याप्त विवरण नहीं मिलता है।<ref>http://leasure.iecit.in/?paged=13</ref><ref>http://gandhigyan.gvpwardha.in/digital/?p=170 रामभक्ति पंथी शाखा के प्रमुख कवि</ref><ref>{{cite book|title = Indian Literature|trans_title = भारतीय साहित्य|url = http://books.google.co.in/books?id=dqGojPpe8DIC&pg=PA619|page = 619|author = नागेन्द्र|publisher = प्रभात प्रकाशन|year = 1988}}</ref>
 
[[पं. रामचंद्र शुक्ल]] के अनुसार, [[संस्कृत]] में रामचरित संबंधी कई नाटक हैं। जिनमें कुछ तो नाटक के साहित्यिक नियमानुसार हैं और कुछ केवल संवाद रूप में होने के कारण नाटक कहे गए हैं। इसी पिछली पद्धति पर संवत 1667 (सन् 1610ई.) में प्राणचंद चौहान रामायण महानाटक लिखा।<ref>{{cite book | title =रामचंद्र शुक्ल| author = विश्वनाथ प्रसाद तिवारी | authorlink = | publisher = नेशनल पब्लिशिंग हाउस | edition = | year = १९८५ | isbn = | page = १६६ }}</ref>