"बहुपद": अवतरणों में अंतर

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प्रारंभिक [[बीजगणित]] में धन ('''+''') और ऋण ('''-''') चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक (expression) को '''बहुपद''' (Polynomial) कहते हैं, यथा (3a+2b-5c) .
 
पदों की संख्या के अनुसार इसके विशिष्ट उपनाम 'एकपद' (monomial), 'द्विपद' (binomial), आदि होते हैं। उच्चतर गणित में बहुपद का विशिष्ट उपयोग ऐसे व्यंजक के लिए होता है जिसके पदों में किसी एक चर राशि, या एक से अधिक चर राशियों, के शून्य अथवा धन पूर्णांक घात आरोह या अवरोह क्रम में हो, यथा
 
(:3x + x<sup>2</sup> - x<sup>4</sup>) . . . . . . . . . . . . (1)
 
(:-6x<sup>6</sup>y + 5px<sup>2</sup>yx<sup>2</sup> - a x) . . . . . . . . . . . . (2)
 
व्यंजक (1) (x) का बहुपद है और (2) x, y z, का तथा उसमें (a) अचर (constant) है। यदि (x) के स्थान में सर्वत्र कोई अन्य व्यंजक मान लें, '''log x''' रख दिया जाए, तो नया व्यंजक '''log x''' का व्यंजक कहलाएगा। पदों के घातों में से महत्तम को बहुपद का घात (डिग्री) कहते हैं। यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को '''बहुपद का घात''' कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7 । ऐसा भी कहा जाता है कि बहुपद (2) (x) में छठे घात का और (y) में द्वितीय घात का है।
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दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल बहुपद ही होता है, किंतु उनका भागफल बहुपद नहीं होता। दो बहुपदों के भागफल को, जिनमें एक संख्या मात्र भी हो सकता है, '''परिमेय फलन''' (rational function) कहते हैं। चर (x) में घात (m) का व्यापक बहुपद यह है :
 
([:ao x<sup>m</sup> +a1 x<sup>m-1</sup>+.....+am, जहाँ ao अशून्य है])
 
== बीजगणित का एक मौलिक प्रमेय ==
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[[त्रिकोणमिति]] का एक महत्वपूर्ण प्रमेय यह है कि यदि म कोई धनात्मक [[पूर्णांक]] है, तो कोज्या mx की अभिव्यक्ति कोज्या x के m घातवाले बहुपद के रूप में की जा सकती है, यथा
 
:कोज्या 2x = 2 कोज्या^<sup>2</sup> x - 1 ;
:कोज्या 3x = 4 कोज्या^<sup>3</sup> x - 3 कोज्या x
 
ज्या mx के बारे में प्रमेय यह है कि यदि m विषम है तो ज्या mx की अभिव्यक्ति ज्या x के m वेवें घात के बहुपद के रूप में की जा सकती है और यदि m सम है तो ज्या mx / कोज्या x की अभिव्यक्ति ज्या x के m-1 वें घात के बहुपद के रूप में होगी, यथा
 
:ज्या 3 x = 3 ज्या x - 4 ज्या^<sup>3</sup> x,
 
:ज्या 4 x = 4 कोज्या x (ज्या x - 2 ज्या^<sup>3</sup> x)। SQUIGGLE SQUIGGLE SQUIGGLE SQUIGGLE
 
वैश्लेषिक ज्योमिति में वक्रों का अध्ययन उन्हें दो चरों के बहुपद समीकरण द्वारा निरूपित कर किया जाता है। इसी प्रकार तलों के अध्ययन के लिए तीन चरवाले बहुपद समीकरणों की सहायता ली जाती है । स्वेच्छ घात के बहुपद समीकरणों से निरूपित वक्रों और तलों का अध्ययन बीजीय ज्यामिति में किया जाता है।
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;अन्य उपयोग
बहुपदों का उपयोग संनिकटन के लिए भी होता है। प्रांरभिक विश्लेषण के मानक फलन, मैकलॉरिन अथवा टेलर प्रमेय के अनुसार, घात श्रेणी द्वारा निरूपित किए जा सकते हैं। [[कार्ल वायस्ट्रसि]] ने 1885 ई. में सिद्ध किया था कि कोई भी सतत फलन किसी भी कोटि की यथार्थता तक एक समान संनिकटन के साथ बहुपद द्वारा निरूपित किया जा सकता है।
 
== विशिष्ट बहुपद ==
किसी फलन को व्यक्त करने के लिए य, य^<sup>2</sup>, ....के अतिरिक्त अन्य बहुपद समुदाय भी हैं। उदाहरणत:, [[लजांड्र बहुपद]] (Legendre Polynomial) । इन बहुपदों का उपयोग [[अनुप्रयुक्त गणित]] में बहुलता से होता है। इसी प्रकार [[हर्माइट बहुपद|हर्माइट बहुपदों]] का [[सांख्यिकी]] में उपयोग होता है।
 
[[अंतर्वेशन]] (इंटरपोलेशन) समूचा ही बहुपद द्वारा [[सन्निकटीकरण]] पर आधारित है। (m) दिए हुए मानों का उपयोग करनेवाले अंतर्वेशन सूत्र के आधार में इन मानों को ग्रहण करनेवाले m-1 घात के बहुपद की कल्पना निहित होती है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बहुपद" से प्राप्त