"बृहस्पति (ग्रह)": अवतरणों में अंतर
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== चन्द्रमा ==
[[चित्र:The_Galilean_satellites_(the_four_largest_moons_of_Jupiter).tif|thumb|325px|गैलिलीयन चन्द्रमा, बाएं से दाएं , सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रमानुसार: [[आयो]], [[युरोपा]], [[गैनिमीड]], [[कैलीस्टो]].]]▼
[[चित्र:Jupiter and Galilean moons.jpg|right|thumb|बृहस्पति, गैलिलीयन चन्द्रमाओ के साथ]]
{{main|बृहस्पति के उपग्रह}}
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=== गैलिलीयन चन्द्रमा ===
▲[[चित्र:The_Galilean_satellites_(the_four_largest_moons_of_Jupiter).tif|thumb|325px|गैलिलीयन चन्द्रमा, बाएं से दाएं , सूर्य से बढ़ती दूरी के क्रमानुसार: [[आयो]], [[युरोपा]], [[गैनिमीड]], [[कैलीस्टो]].]]
सौरमंडल के कुछ बड़े उपग्रहों , आयो,युरोपा और गैनिमीड की कक्षाएँ , एक विशिष्ट स्वरूप बनाते है जिसे [[कक्षीय अनुनाद| लाप्लास रेजोनेंस]] के नाम से जाना जाता है | आयो उपग्रह , बृहस्पति के चार चक्कर लगाने में जितना समय लेता है , ठीक उतने ही समय में युरोपा पूरे पूरा दो चक्कर और गैनिमीड पूरे पूरा एक चक्कर लगाता है | यह रेजोनेंस , तीन बड़े चन्द्रमाओं के [[गुरुत्वाकर्षण]] प्रभाव के कारण बनता है जो उनकी कक्षाओं के आकार को विकृत कर अंडाकार कर देते है क्योंकि प्रत्येक चाँद अपने हर एक पूरे चक्कर में पडोसी चाँद से एक ही बिंदु पर अतिरिक्त खिंचाव प्राप्त करता है | दूसरी ओर ,बृहस्पति से [[ज्वारीय बल]] , कक्षाओं को वृत्तिय बनाने की कोशिश करता है |<ref>{{cite journal|author= Musotto, S.; Varadi, F.; Moore, W. B.; Schubert, G.|title=Numerical simulations of the orbits of the Galilean satellites|url=http://cat.inist.fr/?aModele=afficheN&cpsidt=13969974|journal=Icarus|year=2002|volume=159|issue= 2|pages=500–504 |doi = 10.1006/icar.2002.6939|bibcode=2002Icar..159..500M}}</ref>
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