"बृहस्पति (ग्रह)": अवतरणों में अंतर

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== परिक्रमा एवं घूर्णन ==
[[चित्र:Solarsystem3DJupiter.gif|thumb| बृहस्पति ७७ करोड़ ८० लाख कि.मी. की औसत दूरी से सूर्य की परिक्रमा करता है औरतथा एकहरेक चक्कर हर ११.८६ वर्ष में लगाता है.]]बृहस्पति एकमात्र [[ग्रह]] है जिसका सूर्य के साथ साझा [[द्रव्यमान केंद्र]] सूर्य के आयतन से बाहर स्थित है | <ref>{{cite book
|author=Herbst, T. M.; Rix, H.-W.|year=1999
|editor=Guenther, Eike; Stecklum, Bringfried; Klose, Sylvio|title=Star Formation and Extrasolar Planet Studies with Near-Infrared Interferometry on the LBT
पंक्ति 226:
|bibcode=1999ASPC..188..341H
|publisher=Astronomical Society of the Pacific
|location=San Francisco, Calif.}} – See section 3.4.</ref> बृहस्पति की सूर्य से औसत दूरी ७७ करोड़ ८० लाख कि .मी.किमी ( ५.२ [[खगोलीय इकाई]] ) है और यहतथा सूर्य का एक पूरापूर्ण चक्कर हरहरेक ११.८६ वर्ष में लगाता है | इसकी [[शनि]] सेकी तुलना में दो-तिहाई कक्षीय अवधि , [[सौरमंडल]] के इन दो बड़े ग्रहों के मध्य ५:२ कीका कक्षीयपरिक्रमण प्रतिध्वनीतालमेल ( orbital resonance ) बना रहाबनाता है | <ref>{{cite journal
|last=Michtchenko|first=T. A.
|coauthors=Ferraz-Mello, S.
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|journal=Icarus|year=2001|month=February
|volume=149|issue=2|pages=77–115
|doi=10.1006/icar.2000.6539|bibcode=2001Icar..149..357M}}</ref> अर्थात् जितने समय में बृहस्पति सूर्य के पाँच चक्कर लगाताऔर है उतने ही समय में शनि सूर्य के दो चक्कर लगातासमान हैसमय में लगाते है| इसकी अंडाकार कक्षा पृथ्वी किकी तुलना में १.३१° झुकी हुई है | ०.०४८ [[कक्षीय विकेन्द्रता|विकेन्द्रता]] ( eccentricity ) के कारण बृहस्पति की सूर्य से दूरी विविधतापूर्ण है | इसके {{उपसौर}} और {{अपसौर}} के बीच अंतरका या कक्षीय पथ पर सूर्य से ग्रह के क्रमशः दूर और नजदीकी बिन्दुओं के बीच अंतरफर्क ७.५ करोड़ कि.मी.किमी है |
 
बृहस्पति का [[अक्षीय झुकाव]] बहुत कम , केवल ३.१३° होने के कारणसे, पृथ्वी और मंगल जैसे महत्वपूर्ण [[ऋतु|मौसमी]] परिवर्तनपरिवर्तनों का इस ग्रह को कोई भी अनुभव नहीं है |<ref>{{cite web
|url = http://science.nasa.gov/headlines/y2000/interplanetaryseasons.html
|title = Interplanetary Seasons|publisher = Science@NASA
|accessdate = 2007-02-20}}</ref>
 
बृहस्पति का [[घूर्णन]] सौरमंडल के सभी ग्रहों में सबसे तेज है, यह अपने [[घूर्णन अक्ष|अक्ष]] पर एक घूर्णन १० घंटे से थोड़े कम समय में पूरा करता है,जिससे भूमध्यरेखीय उभार बनता है जो भू-आधारित [[दूरदर्शी]] से आसानी से दिखाई देता है | इस घूर्णन को २४.७९&nbsp;मीटर/सेकण्ड<sup>२</sup> भूमध्यरेखीय सतही गुरुत्वाकर्षण की तुलना में, [[भूमध्यरेखा]] पर १.६७&nbsp; मीटर/सेकण्ड<sup>२</sup> [[केन्द्राभिमुख त्वरण]]( centripetal acceleration ) की जरुरत होती है, इस तरह भूमध्यरेखीय सतह पर परिणामी त्वरण केवल २३.१२&nbsp; मीटर/सेकण्ड<sup>२</sup>होता है | इस ग्रह का आकार [[चपटा उपगोल]] जैसा है,जिसका अर्थ है इसके भूमध्यरेखा के आरपार का [[व्यास]],इनके ध्रुवों के बीच के व्यास से ९२७५ कि.मी.अधिक लंबा है |<ref name="lang03" />
 
चूँकि बृहस्पति एक ठोस ग्रह नहीं है , इसके उपरी [[वायुमंडल]] में अनेक घूर्णन गतियाँ है | इसके ध्रुवीय वायुमंडल का घूर्णन , भूमध्यरेखीय वायुमंडल से ५ मिनट लंबा है | गतियों की तीन प्रणालियों को सापेक्षिक निशानी के रूप में इस्तेमाल किया गया है , विशेषरूप से जब वायुमंडलीय लक्षणों का अभिलेख किया जाता है | '''प्रणाली I''' १०° उत्तर से १०° दक्षिण अक्षांशों पर लागू , ९ घंटे ५० मिनट ३०.० सेकण्ड पर सबसे कम अवधि | '''प्रणाली II''' इसके उत्तर और दक्षिण के सारे अक्षांशों पर लागू , घूर्णन अवधि ९ घंटे ५५ मिनट ४०.६ सेकण्ड | '''प्रणाली III''' को पहले [[रेडियो खगोलशास्त्र|रेडियो खगोलविद]] ने परिभाषित किया था , यह ग्रह के मैग्नेटोस्फेयर से मेल खाता है ,यह अवधि बृहस्पति की आधिकारिक घूर्णन अवधि है |<ref>{{cite book